Gwalior Flood Alert: मध्य प्रदेश की संगीत नगरी ग्वालियर का तिघरा डैम लबालब भरा है, कैचमेंट एरिया में मूसलाधार बारिश के चलते डैम से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके बाद निचले इलाके के कई गांवों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है...
Gwalior Flood Alert: ग्वालियर जिले में हो रही अतिवर्षा के साथ कैचमेंट एरिया में बारिश होने से तिघरा में मंगलवार को एक बार फिर से पानी बढ़ गया। जलसंसाधन विभाग के अफसरों ने बताया की दोपहर साढ़े 12 बजे तिघरा का जलस्तर 739.10 फीट पर पहुंचा, तभी विभाग ने डाउन स्ट्रीम (निचले क्षेत्र) में बसे गांवों तिघरा, कैथा, तालपुरा, महिदपुर, पृथ्वीपुर, कुलैथ, अगरा भटपुरा, दुगनावली व तिलघना में अलर्ट जारी किया गया।
जैसे ही बांध का जल स्तर 739.20 फीट के आसपास पहुंचा तभी चार बजे सभी सात गेटों को चार-चार फीट तक खोलकर अतिरिक्त पानी की निकासी कराई गई। खबर लिखे जाने तक तिघरा के गेट खुले हुए थे और तिघरा क्षेत्र के कैचमेंट एरिया में लगातार आ रहे पानी की निकासी कराई जाती रही। जलसंसाधन विभाग के एसडीओ वीरेंद्र यादव ने बताया कि तिघरा का जल स्तर 739 फीट तक आने तक गेट खुले ही रखे जाएंगे। अभी तिघरा का जल स्तर 740 फीट पर है।
बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से शहर में फिर से तेज बारिश शुरू हो गई है। मंगलवार को शाम चार बजे से शुरू हुई बारिश से औसत का कोटा 1017 मिली मीटर पर पहुंच गई है। मौसम विभाग ने जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट को देखते हुए कलेक्टर रुचिका चौहान ने 30 जुलाई को सभी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों की छुट्टी घोषित कर दी।
दरअसल बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र शिवपुरी के पास से होते हुए गुजर रहा है। मानसून ट्रफ लाइन भिण्ड होते हुए गुजर रही है। इस कारण अरब सागर व बंगाल की खाड़ी से भरपूर नमी आ रही है। इससे शिवपुरी में अति भारी बारिश दर्ज हुई है, जबकि ग्वालियर में देर शाम से तेज बारिश शुरू हुई। इस बारिश से शहर की रतार थम गई। बारिश के कारण अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस से घटकर 29.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। गर्मी से भी राहत मिल गई।
ग्वालियर में बारिश लगातार घट रही थी। इस कारण मौसम विभाग ने 2021 में औसत बारिश में बदलाव किया। ग्वालियर शहर की बारिश का औसत कोटा 800 मिली मीटर से घटाकर 706 मिली मीटर किया गया, लेकिन जुलाई 2025 में बारिश ने नया रेकॉर्ड बना दिया। ग्वालियर में 122 दिन में जो बारिश होती थी, उससे ज्यादा जुलाई के 29 दिनों में हो चुकी है। जुलाई में 749 मिलीमीटर लगभग 29.49 इंच बारिश हो चुकी है। 1935 का रेकॉर्ड टूट चुका है। 2025 का रेकॉर्ड 100 साल में भी टूटना मुश्किल है।