ग्वालियर

18 साल पुरानी आबकारी एसआइ परीक्षा की कॉपी जांचेगी एक्सपर्ट कमेटी, जानिए क्या है मामला

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने वर्ष 2006-07 में हुई सब-इंस्पेक्टर (आबकारी) भर्ती परीक्षा से जुड़े एक बेहद गंभीर मामले में अहम आदेश जारी किया है। न्यायालय ने उत्तर पुस्तिका में कथित हेरफेर, काट-छांट और ओवरराइटिंग के आरोपों को अत्यंत गंभीर मानते हुए राज्य शासन को एक सक्षम एक्सपर्ट कमेटी गठित कर गहन जांच कराने का निर्देश दिया है.....

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18 साल पुरानी आबकारी एसआइ परीक्षा की कॉपी जांचेगी एक्सपर्ट कमेटी, जानिए क्या है मामला

ग्वालियर. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने वर्ष 2006-07 में हुई सब-इंस्पेक्टर (आबकारी) भर्ती परीक्षा से जुड़े एक बेहद गंभीर मामले में अहम आदेश जारी किया है। न्यायालय ने उत्तर पुस्तिका में कथित हेरफेर, काट-छांट और ओवरराइटिंग के आरोपों को अत्यंत गंभीर मानते हुए राज्य शासन को एक सक्षम एक्सपर्ट कमेटी गठित कर गहन जांच कराने का निर्देश दिया है। यह फैसला एक दशक से अधिक समय से न्याय की आस लगाए बैठे याचिकाकर्ता के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।

याचिकाकर्ता के आरोप और विभाग की अनदेखी
: याचिकाकर्ता शिरोमणि ङ्क्षसह महेश्वरी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि वे अनुसूचित जाति वर्ग से एक विभागीय उम्मीदवार थे। उन्होंने दावा किया कि परीक्षा में सही उत्तर देने के बावजूद उन्हें जानबूझकर कम अंक दिए गए। उनके अधिवक्ता डीपी ङ्क्षसह ने कोर्ट में तर्क दिया कि याचिकाकर्ता की उत्तर पुस्तिका में कई स्थानों पर अंकों को काटा गया है, कुछ अंकों को जोड़ा ही नहीं गया और ओवरराइङ्क्षटग करके उनके परिणाम को प्रभावित किया गया है।


2010 में आवेदन दिया, 2016 में मिली जानकारी
वर्ष 2010 में आरटीआई के जानकारी निकलवाने के लिए आवेदन किया, 2016 में मिली। उत्तर पुस्तिका प्राप्त होने के बाद महेश्वरी ने इसकी विस्तृत आपत्ति विभाग के समक्ष रखी थी। हालांकि, विभाग ने यह कहकर उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया था कि पुनर्मूल्यांकन का कोई प्रावधान नहीं है, जिससे याचिकाकर्ता को मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

Updated on:
22 Dec 2025 02:00 am
Published on:
22 Dec 2025 01:59 am
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