MP News: मणप्पुरम फाइनेंस की ग्वालियर डबरा शाखा में 4.5 करोड़ रुपए के गोल्ड घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद ग्राहकों का गुस्सा फूट पड़ा है।
MP News: मणप्पुरम फाइनेंस की ग्वालियर डबरा शाखा में 4.5 करोड़ रुपए के गोल्ड घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद ग्राहकों का गुस्सा फूट पड़ा है। 26 ग्राहकों के सोने के जेवर गायब होने की खबर मिलते ही शुक्रवार को डबरा थाने के ठीक सामने स्थित मणप्पुरम के दफ्तर पर सैकड़ों ग्राहकों की भीड़ जमा हो गई। ग्राहकों का आरोप है कि असली सोना गायब करके नकली गहने रख दिए गए और इस घोटाले में फाइनेंस कंपनी का प्रबंधन और डबरा ब्रांच(Manappuram Finance Gold Scam) का पूरा स्टाफ शामिल है
पुलिस ने ब्रांच मैनेजर चंद्रभान और असिस्टेंट मैनेजर विकास शर्मा को हिरासत में ले लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, चंद्रभान पहले भी घोटाले कर चुका है और कंपनी को उसकी करतूतों के बारे में पता था। कंपनी उसे केवल 7 हजार रुपए वेतन देती थी, जबकि बाकी 18 हजार रुपए पुराने घोटाले की भरपाई के लिए काटे जा रहे थे। इससे संदेह और गहरा गया है।
जांच में पता चला है कि जिस तिजोरी में ग्राहकों के गहने रखे जाते थे, उसकी एक चाबी चंद्रभान और दूसरी विकास शर्मा के पास रहती थी। यह भी पता चला है कि रविवार को छुट्टी के दिन चंद्रभान और विकास दोनों बैंक आए थे. जिससे संदेह और गहरा गया है।
शुक्रवार को मणप्पुरम के दफ्तर पर उन 26 ग्राहकों की सूची देखने भीड़ उमड़ पड़ी, जिनका असली सोना बदला गया था। ग्राहकों का कहना था कि कंपनी अब भरोसे लायक नहीं रही है। कई ग्राहक तो कर्ज चुकाकर गहने वापस लेने आए थे।
परेशान हालत में फाइनेंस कंपनी के बाहर खड़ी थीं। उन्होंने बताया कि खेती के लिए बीज खरीदने के लिए सोने की बाली गिरवी रखकर 4 हजार रुपये का कर्ज लिया था। अब गहने चोरी होने की खबर सुनकर वह कर्ज चुकाकर अपने गहने वापस लेने आई हैं। -अनीता, समूदन गांव
मणप्पुरमपु फाइनेंस लिमिटेड(Manappuram Finance Gold Scam) की डबरा शाखा में गुरुवार को बड़ा गोल्ड घोटाला सामने आया है। 26 ग्राहकों ने लोन के लिए जो सोना गिरवी रखा, वह सेफ से गायब हो गया। उनकी जगह 4 किलो 380 ग्राम आर्टिफिशियल सोने के जेवर रख दिए। जब गिरवी रखे जेवर लेने पहुंचे तो खुलासा हुआ। इसके बाद कंपनी की आंतरिक ऑडिट में 8 सेफ में रखे 26 पैकेट खंगाले तो सभी में नकली सोना ही मिला। इसकी कीमत 4.50 करोड़ रुपए बताई जा रही है। कंपनी के एरिया मैनेजर दिव्य रंजन मोहंती और विजिलेंस अधिकारी पहुंचे और प्रबंधन को रिपोर्ट दी। एएसपी जयराज कुबेर ने बताया, जांच कर रहे हैं। सवाल है कि जब सेफ की चाबी मैनेजर और सहायक मैनेजर के पास ही रहती है तो सोना कैसे बदला गया?
26 लोगों की सूची जिनके असली सोने को नकली सोना में बदला गया, सूची बता रहे हैं, जिसमें नाम नहीं है, लेकिन सोने के जेवरात के पैकेट नहीं दिखाए जा हैं। इसलिए विश्वास नहीं है। थाने में शिकायत करेंगे।- नरेन्द्र प्रजापति, डबरा