Money Fraud: बैलेंस चैक कराने पर पता चला कि खाता तो पूरा खाली है। पैसा किसने और कैसे निकाला है, बैंक कोई जवाब नहीं दे रही।
Money Fraud: किसान के बैंक खाते में जमा 87 हजार 200 रुपया चोरी हो गया, जबकि खाताधारक का कहना है कि उन्होंने न तो एटीएम कार्ड लिया, न ऑनलाइन खाता ऑपरेट करते हैं। अभी तक खाते से कुल 5300 रुपया निकाला है।
बाकी रकम जमा थी। बैलेंस चैक कराने पर पता चला कि खाता तो पूरा खाली है। पैसा किसने और कैसे निकाला है, बैंक कोई जवाब नहीं दे रही। पुलिस से मदद मांगी तो थाने और साइबर सेल के चक्कर कटवा दिए, लेकिन शिकायत नहीं सुनी।
मउछ (पनिहार) निवासी शिवचरण सिंह ने बताया, सेंट्रल बैंक की ग्रामीण ब्रांच में उन्होंने खाता खुलवाया था। इसमें कियोस्क के जरिए लेन देन होता था। कियोस्क सरनाम जाटव ऑपरेट करता था। उसके जरिए ही वह भी खाते में लेन देन करते थे।
शिवचरण का कहना है एकाउंट में कुल 87 हजार रुपए जमा था। बीच में कुछ पैसों की जरूरत पड़ी थी तो सरनाम की मदद से दो बार में 5300 रुपया विड्राल किया था। फिर पैसा नहीं निकाला। पिछले महीने पास बुक में एंट्री कराई तो पता चला कि खाते में कुछ नहीं सारा पैसा निकल चुका है।
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शिवचरण का कहना है पुलिस से मदद की उम्मीद थी। बैंक ने शिकायत नहीं सुनी तो पनिहार थाने जाकर घटना बताई। पुलिसकर्मियों ने साइबर सेल जाने को कह दिया। एसपी दफ्तर में साइबर सेल आए तो जवाब मिला कि दो लाख रुपए तक ठगी की शिकायतें तो थाने पर ही दर्ज होंगी वहीं जाओ। पुलिस का रवैया समझ में आ गया तो एसपी दफ्तर में आकर आवेदन दिया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
शिवचरण का आरोप है कि कियोस्क संचालक और बैंक मैनेजर की मिलीभगत से उनके खाते से पैसा निकाला गया है। इसीलिए बैंक यह नहीं बता रही है कि पैसा किस आईडी से निकाला गया है। विड्राल में किसके हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान है।
डीजीपी कैलाश मकवाना ने पुलिस को साइबर अपराधों पर कसावट के निर्देश दिए हैं। पुलिस अधिकारियों से कहा है पीड़ितों की शिकायत को गंभीरता से सुनकर एक्शन लिया जाए। डीजीपी के फरमान के बाद जिला स्तर पर थानों में साइबर डेस्क शुरू हुई है। ग्वालियर में उटीला थाने से इसकी शुरुआत हुई, लेकिन पीड़ितों का आरोप है कि थानों में साइबर फ्रॉड के मामले में थाना स्तर पर पुलिस पल्ला ही झाड़ रही है।