ग्वालियर

वारंट तामील में गंभीर नहीं, असली गवाह की जगह दूसरे को पेश किया, थाना प्रभारी तलब

जिला न्यायालय से गवाहों को जारी होने वाले वारंटों की तामील में पुलिस की घोर लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी सामने आई है। इतना ही नहीं, पुलिस इन वारंटों को नियमानुसार वापस

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Dec 14, 2025

ग्वालियर. जिला न्यायालय से गवाहों को जारी होने वाले वारंटों की तामील में पुलिस की घोर लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी सामने आई है। इतना ही नहीं, पुलिस इन वारंटों को नियमानुसार वापस भी नहीं कर रही। एक गंभीर मामले में विशेष सत्र न्यायालय ने एक गवाह को वारंट तामील न कराने और उसकी जगह किसी और व्यक्ति को पेश करने पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने ग्वालियर थाना प्रभारी को आगामी 18 दिसंबर को न्यायालय में तलब किया है और स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, असली गवाह दशरथ ङ्क्षसह सिकरवार का गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए पुलिस को उनकी न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।

धोखाधड़ी के केस में हुआ ‘फर्जीवाड़ा’, कोर्ट ने लगाई फटकार

यह पूरा मामला विशेष सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार की कोर्ट में लंबित एक धोखाधड़ी की ट्रायल से संबंधित है। इस केस में दशरथ ङ्क्षसह सिकरवार नामक व्यक्ति की गवाही होनी थी। न्यायालय द्वारा वारंट जारी किए जाने के बावजूद, पुलिस ने दशरथ ङ्क्षसह सिकरवार को वारंट तामील नहीं कराया। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने असली गवाह को पेश करने की बजाय, उसकी जगह किसी और व्यक्ति को न्यायालय के सामने खड़ा कर दिया, जिसका नाम भी दशरथ ङ्क्षसह तोमर बताया गया।
जब कोर्ट ने उस व्यक्ति से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसे न तो कोई समन जारी किया गया था और न ही कोई वारंट तामील कराया गया था। उसने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस केस में गवाह भी नहीं है। इस घटनाक्रम पर कोर्ट ने बेहद नाराजगी व्यक्त की।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी: स्थिति बेहद ङ्क्षचताजनक है

न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह स्थिति बेहद ङ्क्षचताजनक है। कोर्ट ने रेखांकित किया कि पुलिस गवाहों को सही तरीके से वारंट तामील नहीं करा पा रही है। कुछ मामलों में तो वॉट््सएप पर वारंट तामील कराए जाने की बात कही जा रही है, जबकि यह एक औपचारिक और कानूनी प्रक्रिया है।

Published on:
14 Dec 2025 06:27 pm
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