Sahara Land Scam: सहारा से जुड़ा एक और विवाद उजागर, 19 करोड़ में बिकी 83 बीघा जमीन, कलेक्टर बोलीं-जांच करेंगे
Sahara Land Scam: सहारा समूह की जमीन से जुड़ा एक और विवाद सामने आया है। ग्वालियर जिले में सहारा की विठौली, ओड़पुरा और महाराजपुरा में कुर्क संपर्क बिक गई। सेबी से अटैच संपत्ति को महज 19 करोड़ में ही बेच दिया गया। कुर्क जमीनों की रजिस्ट्री (Registry of confiscated land done) पर कलेक्टर की रोक थी, फिर भी पंजीयन विभाग ने 20 और 21 फरवरी 2025 को 83 बीघा जमीन की 3 रजिस्ट्री कर दी। रजिस्ट्री से पहले सीनियर अफसरों का मत भी नहीं लिया।
यह जमीन 22 लाख रुपए प्रति बीघा की दर से बेची गई। अब शासन ने हाईकोर्ट में अपील की है। बताते हैं, यदि नीलामी होती तो 100 करोड़ रुपए में बिकती। अब कलेक्टर रुचिका चौहान कह रही हैं, सहारा की जमीन बेचने का मामला सामने आया है। रजिस्ट्रियों की जांच कराएंगे। इसके बाद कार्रवाई होगी। सहारा और सहायक कंपनियों में निवेश करने वालों ने जिला प्रशासन से शिकायत की थी। कहा था, पॉलिसी का समय पूरा हो गया, पर कंपनी ने पैसा नहीं लौटाया। कलेटर ने एसडीएम से जांच कराई। सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन और 12 सहायक कंपनियां सामने आई। ओड़पुरा, विठौली, महाराजपुरा में 312 बीघा सामने आई।
भोपाल, जबलपुर, कटनी में भी सहारा समूह की 320 एकड़ जमीन की बिक्री में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। ईओडब्ल्यू ने जनवरी में जांच पंजीबद्ध की थी। भोपाल की 110 एकड़ जमीन का सौदा 48 करोड़ तो जबलपुर की 100 एकड़ जमीन 20 करोड़ में बिकी। कटनी में 110 एकड़ जमीन की बिक्री 22 करोड़ में हुई। इसे विधायक संजय पाठक की मां निर्मला पाठक और बेटे यश की शेयर होल्डिंग कंपनी सिनाप रियल एस्टेट व नायसा देवबिल्ड ने खरीदी है।
सहारा की संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। कुछ रजिस्ट्री हुई है। जो पैसा आया, उसे सेबी के खाते में जमा किया जाएगा। उप पंजीयक का काम रजिस्ट्री करना है, उसकी जांच करना नहीं।
- दिनेश गौतम, वरिष्ठ जिला पंजीयक