देश के 9 राज्य व 3 केंद्र शासित राज्यों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम चल रहा है। इन सूची में पुरानी जानकारी भरने के लिए 2003 के रिकॉर्ड की जरूरत है, लेकिन मतदाताओं को यह रिकॉर्ड आसानी से नहीं मिल पा रहा है।
ग्वालियर. देश के 9 राज्य व 3 केंद्र शासित राज्यों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम चल रहा है। इन सूची में पुरानी जानकारी भरने के लिए 2003 के रिकॉर्ड की जरूरत है, लेकिन मतदाताओं को यह रिकॉर्ड आसानी से नहीं मिल पा रहा है। जिले में ऐसे कई मतदाता 2003 की जानकारी लेने के लिए निर्वाचन कार्यालय आ रहे हैं या हेल्पलाइन नंबर फोन कर रहे हैं, जो शहर छोड़ चुके हैं और दूसरे राज्य में पहुंच गए हैं। इन्हें 2003 के रिकॉर्ड की जानकारी चाहिए, लेकिन 2003 में उनके रिश्तेदार (पिता, भाई, मां, दादा-दादी, चाचा-चाची) ने कहां वोट डाला था। यह बताने पर ही जानकारी निकल पा रही हैं। 22 साल पहले कहां वोट डालने गए थे, यह जानकारी नहीं है। इस कारण जानकारी सर्च नहीं हो रही है। लोगों को निराशा मिल रही है। 4 दिसंबर तक फॉर्म भरकर जमा करना है। जिले में 4 नवंबर से विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ था। 6 विधानसभा के मतदाताओं के पास पत्रक पहुंच गए हैं। इन्हें भरकर बीएलओ के पास जमा करना है, लेकिन 2003 का रिकॉर्ड बाधा बना हुआ है। इससे रिकॉर्ड डिजिटलाइजेशन नहीं हुआ है और न एकत्रित हो पाए हैं। जबकि जमा करने की तारीख नजदीक आ गई है।
उत्तर प्रदेश के निवासी सबसे ज्यादा
-जिले में उत्तर प्रदेश के रहवासी सबसे ज्यादा है। 2003 के बाद जिले की मतदाता सूची में नाम जुड़ा था, लेकिन अब उन्हें अपना वोट बचाने के लिए उत्तर प्रदेश में कहां पर वोट था। उसकी जानकारी चाहिए। लोग उत्तर प्रदेश में संपर्क कर रहे हैं। वहां भी ऐसी ही दिक्कत आ रही है। लोगों को रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है।
-महिला वोटर के लिए मायके का रिकॉर्ड चाहिए। क्योंकि मायके के रिकॉर्ड के आधार पर वोट सूची में रह सकता है।
-वर्ष 2003 की सूची में नाम पता लगाने में एमपी ऑनलाइन, सीएससी व लोक सेवा केन्द्र भी करेंगे सहयोग
-वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपना या अपने परिजन का नाम पता लगाने में लोक सेवा केन्द्र, सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) एवं एमपी ऑनलाइन सेंटर भी मतदाताओं की मदद करेंगे। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की पहल पर इन सेंटरों के संचालक एसआइआर कार्य में सहयोग देने के लिए आगे आए हैं। इसके अलावा शहर के सभी जनमित्र केन्द्रों में मतदाता सहायता केन्द्र बनाए गए हैं।
शिकायतों के निराकरण के नोडल अधिकारी बनाए
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग राहुल पाठक को शिकायतों का निराकरण कराकर निर्वाचन आयोग को प्रतिवेदन भेजने के लिए नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही उनके अधीन चार शासकीय कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है।