डिजिटल युग में यह पहल न केवल एलएनआईपीई बल्कि पूरे प्रदेश को स्मार्ट स्पोर्ट्स ट्रेनिंग हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
ग्वालियर. खेल प्रशिक्षण के क्षेत्र में ग्वालियर एक नई तकनीकी छलांग लगाने जा रहा है। लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान (एलएनआईपीई) में मध्य प्रदेश का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। यह सेंटर खिलाड़ियों के प्रदर्शन विश्लेषण, चोट रोकथाम और वैज्ञानिक ट्रेनिंग को नई दिशा देगा।
आयोजन सचिव यजुवेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि इस सेंटर का मुख्य उद्देश्य ऐसे AI-सक्षम कोच और परफॉर्मेंस एनालिस्ट तैयार करना है, जो खिलाड़ियों को डेटा आधारित, वैज्ञानिक और व्यक्तिगत प्रशिक्षण उपलब्ध करा सकें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में AI तकनीक भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
ट्रेनिंग मॉडल पर गहन मंथन
एलएनआईपीई में प्रस्तावित AI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इसी क्रम में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के खेल विशेषज्ञों, प्रशिक्षकों और शोधकर्ताओं ने भविष्य के स्पोर्ट्स ट्रेनिंग मॉडल पर गहन मंथन किया।
स्पोर्ट्स रिसर्च को मिलेगी नई गति
AI सेंटर की स्थापना से स्पोर्ट्स रिसर्च, डेटा एनालिसिस और वैज्ञानिक प्रशिक्षण पद्धतियों को मजबूती मिलेगी। इससे खिलाड़ियों की ताकत, कमजोरी, फिटनेस और प्रदर्शन पैटर्न का सटीक विश्लेषण संभव होगा और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ट्रेनिंग सुविधाएं मिल सकेंगी।
AI बनेगा कोच का सुपर असिस्टेंट
सेमिनार में वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि AI कभी भी कोच का विकल्प नहीं होगा, बल्कि यह प्रशिक्षण प्रक्रिया में ‘सुपर असिस्टेंट’ की भूमिका निभाएगा। तकनीक खिलाड़ियों की कमियों और सुधार के क्षेत्रों को चिन्हित करेगी, लेकिन अंतिम रणनीति और निर्णय हमेशा कोच और खिलाड़ी ही लेंगे।
एथिकल यूज पर भी जोर
विशेषज्ञों ने खेलों में AI के नैतिक और पारदर्शी उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि गलत या अनियंत्रित उपयोग से खिलाड़ियों की गोपनीयता और खेल भावना प्रभावित हो सकती है, इसलिए AI को अपनाते समय स्पष्ट गाइडलाइन और एथिकल फ्रेमवर्क अनिवार्य होना चाहिए।