-चिकित्सक मिले रोगियों का होगा बेहतर इलाज
रेडियोलोजिस्ट, ईएनटी, गायनी, उपनियंत्रक के पद रिक्त, अभी तक नहीं मिले चिकित्सक
-चिकित्सक मिले रोगियों का होगा बेहतर इलाज
हनुमानगढ़. जिला अस्पताल में चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। इन रिक्त पदों पर निदेशालय ने लगाने की बजाए जिला अस्पताल के चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेज में लगा दिया है। जिला अस्पताल के चिकित्सक ओपीडी में सेवाएं देने के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के विद्यार्थियों को तालीम भी देंगे। जिला अस्पताल प्रशासन महानगरों के सरकारी अस्पतालों के तर्ज पर ओपीडी के लिए चार्ट बनेगा। प्रत्येक सप्ताह में दो या तीन दिन चिकित्सक मेडिकल कॉलेज में सेवाएं देंगे और शेष दिनों में ओपीडी में रोगी को परामर्श देंगे। यही व्यवस्था जयपुर एसएमएस, व जेकेलोन अस्पताल की हैं। दूसरी तरह जिला अस्पताल में रेडियोलोजिस्ट, ईएनटी, गायन व उपनियंत्रक के पद रिक्त हैं। जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से कई बार अवगत करवाने के बावजूद अब तक इन पदों पर चिकित्सकों को नहीं लगाया है। जानकारी के अनुसार
एमएस गायनी के तीन पद काफी समय से रिक्त हैं। वर्तमान में तीन एमएस गायनी होने के कारण प्रतिमाह १५० के करीब सिजेरियन व ३०० के करीब साधारण प्रसव हो रहे हैं। जिला अस्पताल प्रशासन के अनुसार
जिला अस्पताल के कोटे में चार में से तीन एमएस गायनी के पद रिक्त हैं। दो एमएस गायनी राजकीय मेडिकल कॉलेज हनुमानगढ़ के कोटे से मिले हैं। जो अपनी निरंतर सेवाएं दे रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में साधारण प्रसव पर १५ हजार के करीब खर्च आता है और सिजेरियन पर ३५ से ६० हजार रुपए के करीब खर्च आता है। जिला अस्पताल में एमएस गायनी की संख्या ६ होने पर प्रतिमाह तीन सौ के करीब सिजेरियन किए जाने संभव हो सकेंगे। फिलहाल प्रतिदिन चार से पांच सिजेरियन हो रहे हैं।
यह भी रह चुकी है स्थिति
२०२० में तो इससे भी बुरी स्थिति थी। उस वक्त जिला अस्पताल प्रशासन ने आउट सोर्स के जरिए व्यवस्था की थी। लेकिन ज्यादा दिन तक चल नहीं पाई थी। २०२० में जिला अस्पताल की एमसीएच यूनिट में एक भी एमएस गायनी नहीं होने के कारण करीब ४६ दिन तक ताला लटका रहा था। एमएस गायनी नहीं होने के कारण परिजन साधारण प्रसव करवाने के लिए भी गर्भवती को जिला अस्पताल में लाने से कतराते थे।
रेडियोलोजिस्ट का पद रिक्त
करीब डेढ़ वर्ष तक रेडियोलोजिस्ट की परीक्षा का परिणाम नहीं आया है। जब परीक्षा का परिणाम आने का समय आया तो तबादला कर दिया गया। वर्तमान में एक महिला रेडियोलोजिस्ट को लगाया है। इनका भी परीक्षा का परिणाम आने वाला है। परीक्षा का परिणाम आने के बाद ही सोनोग्राफी मशीन का संचालन कर सकेंगी। रेडियोलोजिस्ट का पद रिक्त होने के कारण आमजन के लिए सोनोग्राफी जांच सुविधा शुरू होती दिखाई नहीं दे रही।
उपनियंत्रक तक नहीं
जिला अस्पताल में उपनियंत्रक तक नहीं है। ऐसे में जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को संभालने के लिए उपनियंत्रक का होना अतिआवश्यक है। यह पद भी काफी समय से रिक्त है। वहीं तीन ईएनटी के पद हैं, इनमें से दो पद रिक्त पड़े हैं।
पद रिक्त हैं
जिला अस्पताल में एमएस गायनी,उपनियंत्रक, ईएनटी के पद रिक्त हैं। निदेशालय को रिक्त पदों के बारे में अवगत करवाया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इन पदों पर चिकित्सकों को लगाया जाएगा।
डॉ. शंकर सोनी, पीएमओ, जिला अस्पताल।