हनुमानगढ़

Rajasthan: पाकिस्तान नहीं जाना चाहिए ‘एक बूंद पानी,’ किसान संगठन ने PM Modi को लिखी चिट्ठी, उनके ही बयानों की दिलाई याद

किसान संगठनों का कहना है कि जब राज्य के लाखों एकड़ खेत पानी के इंतजार में सूख रहे हैं, तब पंजाब सरकार ने जुलाई से 20 सितंबर के बीच लाखों क्यूसेक पानी पाकिस्तान की ओर बहा दिया।

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खेतों में फैला घग्घर नदी का पानी (फोटो-पत्रिका)

हनुमानगढ़। राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी जिलों के किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि पाकिस्तान को एक बूंद पानी भी न जाने दिया जाए। किसान संगठनों का कहना है कि जब राज्य के लाखों एकड़ खेत पानी के इंतजार में सूख रहे हैं, तब पंजाब सरकार ने जुलाई से 20 सितंबर के बीच लाखों क्यूसेक पानी पाकिस्तान की ओर बहा दिया।

किसान संघर्ष समिति (KSS) के प्रवक्ता सुभाष चंदर सेहगल ने आरोप लगाया कि यह पानी राजस्थान की नहरों में मोड़ा जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 'पंजाब से निकली नहरें खुद पानी की भारी कमी से जूझ रही हैं, इसके बावजूद अतिरिक्त पानी पाकिस्तान भेज दिया गया। इससे सीधे-सीधे हमारे किसान बर्बादी की ओर धकेले जा रहे हैं।'

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हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के किसानों को नहीं मिल रहा पानी

किसानों का तर्क है कि इस लापरवाही का खामियाजा हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जैसे जिलों के लाखों किसान भुगतेंगे। इन इलाकों की खेती मुख्य रूप से नहरों पर निर्भर है। सब्जियों से लेकर गन्ना, कपास और गेहूं जैसी फसलों पर इसका असर साफ दिखाई देगा। किसान संगठनों का अनुमान है कि 45 लाख एकड़ से भी अधिक जमीन पर बुवाई संकट में पड़ सकती है।

किसानों ने उठाया सवाल

22 सितंबर को प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में किसान संघर्ष समिति ने साफ लिखा है कि पंजाब में बने बांधों की क्षमता 1.7 करोड़ एकड़-फुट पानी रोकने की है। यह पानी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के सिंचाई और पीने के उपयोग के लिए आरक्षित है। ऐसे में, किसानों का सवाल है कि जब राजस्थान की नहरें प्यासी हों, तो पाकिस्तान को पानी भेजने का औचित्य क्या है?

किसानों ने पीएम मोदी के बयान की दिलाई याद

किसानों ने प्रधानमंत्री को उनके उस बयान की याद भी दिलाई है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को एक बूंद पानी भी नहीं जाने दिया जाएगा। किसान संगठनों ने पीएम से तुरंत हस्तक्षेप कर पानी का सही बंटवारा सुनिश्चित करने और राजस्थान की नहरों तक पर्याप्त आपूर्ति कराने की मांग की है।

लाखों परिवारों के आजीविका की समस्या

किसानों का कहना है कि यह सिर्फ पानी का मामला नहीं, बल्कि राज्य के लाखों परिवारों की आजीविका से जुड़ा मुद्दा है। अगर अब भी हालात नहीं सुधरे, तो राजस्थान के किसान बड़े आंदोलन का बिगुल फूंकने को तैयार हैं।

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Published on:
24 Sept 2025 03:48 pm
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