
गांधी सागर बांध: फोटो पत्रिका
रावतभाटा। चंबल नदी के बड़े बांध लबालब होकर छलक रहे हैं। अपनी भराव क्षमता के करीब पहुंचे इन बांधों में विदा होते मानसून की मेहरबानी से रबी फसलों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा। हाड़ौती की लाइफ लाइन माने जाने वाली दायीं और बायीं नहरों को रबी फसल में भरपूर पानी मिलेगा। रबी फसलों में इस बार खुशहाली की धारा बहेगी। अनुमान के मुताबिक इस बार सरसों और गेहूं की बम्पर पैदावार की संभावना है।
चंबल नदी के मध्यप्रदेश कैचमेंट में अच्छी बारिश से गांधीसागर बांध में लगातार हो रही पानी की आवक से बांध का एक स्लूज (छोटा) गेट पिछले 30 घंटों से खुला हुआ है। गेट से 19 हजार 472 क़्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। यहां विद्युत उत्पादन किया जाकर 3575 क़्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। राणा प्रताप सागर बांध में 15 हजार 206 क़्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। पन बिजलीघर से बिजली उत्पादन किया जाकर 9 हजार 272 क़्यूसेक पानी की निकासी जारी है। जवाहर सागर बांध में 10 हजार 307 क़्यूसेक पानी की आवक और बिजली उत्पादन कर 12 हजार 571 क़्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
गांधीसागर बांध का जलस्तर मंगलवार शाम 6 बजे भराव क्षमता 1312 फीट के मुकाबले 1311.20 फीट दर्ज किया गया। राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर भराव क्षमता 1157.50 फीट के मुकाबले 1157.38 फीट मापा गया। जवाहर सागर का जलस्तर भराव क्षमता 978 फीट के मुकाबले 974.20 फीट दर्ज किया गया। गांधीसागर बांध के एक गेट से जारी पानी की निकासी।
Published on:
24 Sept 2025 02:57 pm
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