हरदा

खाली बर्तन लेकर पानी भरने कलेक्टर ऑफिस पहुंची आदिवासी महिलाएं, जल संकट से परेशान है ग्रामीण

water scarcity: मध्य प्रदेश में गर्मी की शुरुआत में ही पानी का संकट गहराने लगा है। प्रशासन की उदासीनता और नल जल योजना के अधूरे कामों के चलते आदिवासी पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं।

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Apr 02, 2025

water scarcity: भीषण गर्मी के साथ ही हरदा जिले के वनांचल क्षेत्रों में पानी का संकट गहराने लगा है। प्रशासन की उदासीनता और नल जल योजना के अधूरे कामों के चलते आदिवासी महिलाएं पानी की बूंद-बूंद को तरस रही हैं। हालात इतने भयावह हैं कि राजाबरारी और बुबुढाना गांव की 50 से अधिक आदिवासी महिलाएं, बच्चियां और पुरुष सिर पर खाली बर्तन रखकर 50 किमी दूर हरदा कलेक्टर ऑफिस में पानी की गुहार लगाने पहुंचे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 5 अप्रैल तक नल जल योजना चालू नहीं हुई तो वे कलेक्ट्रेट में धरना देंगे।

गांव में सिर्फ एक हैंडपंप

जाबरारी पंचायत के वार्ड क्रमांक 1 और 2 में मात्र एक हैंडपंप है, लेकिन वह भी सूख चुका है। ऐसे में महिलाओं को मीलों दूर चलकर पानी लाना पड़ रहा है, जिससे उनके खेतों में समय पर काम नहीं हो पाता और उनकी रोज़ी-रोटी पर असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत ने पिछले साल नल जल योजना का ट्रायल चलाया और 3-4 महीने तक पानी दिया। इसके बदले ग्रामीणों से 100-100 रुपए टैक्स भी वसूला गया, लेकिन दिसंबर से योजना ठप हो गई, जिससे अब पानी का संकट विकराल रूप ले चुका है।

ट्यूबवेल में जमा कचरा नहीं हो रहा साफ

पीएचई के कार्यपालन यंत्री पवनसुत गुप्ता का कहना है कि पंचायत को अभी तक नल जल योजना हैंडओवर नहीं हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि पानी की आपूर्ति दिसंबर तक हुई थी। गांव में 24 हैंडपंप और 4 सिंगल फेस मोटर पंप लगे हैं, लेकिन ट्यूबवेल में कचरा जमा होने से पानी की आपूर्ति बंद हो गई है। जेई और जनपद की टीम सफाई में लगी है और अगले 4 दिन में पानी की समस्या हल होने का दावा किया गया है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि पिछले चार महीनों से जब वे पानी के लिए दर-दर भटक रहे थे, तब कोई अधिकारी सुध लेने क्यों नहीं आया? जब उन्होंने सोशल मीडिया पर खाली बर्तन लेकर हरदा आने की घोषणा की, तब जाकर प्रशासन हरकत में आया।

पानी के लिए मजदूरी भी गई

पड़ा गांव की महिलाओं ने बताया कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण उन्हें अपनी रोज़ी-रोटी छोड़कर हरदा आना पड़ा। न केवल उनकी एक दिन की मजदूरी गई, बल्कि किराए के रूप में भी 100-100 रुपए चुकाने पड़े। खराब रास्तों के चलते उनका सफर भी खतरनाक रहा। एडीएम ने इस मामले में कहा कि 'वैकल्पिक व्यवस्था के लिए निर्देश दिए गए हरदा एडीएम सतीश राय ने बताया कि गांव में बोरवेल में कचरा जमा होने के कारण पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है।' पीएचई और जनपद की टीम सफाई में जुटी है और 4 दिन में समस्या का समाधान कर लिया जाएगा। साथ ही, पानी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश भी दिए गए हैं।

Published on:
02 Apr 2025 06:28 pm
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