हाथरस

दो साल पहले भी विवादों में घिरे थे ‘Bhole Baba’, 50 लोगों की अनुमति पर बुलाए थे 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु

Bhole Baba Hathras: हाथरस में हुए हादसे के बाद भोले बाबा चर्चा का विषय बन गए हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं जब वे विवादों में पड़े हैं। आइए जानते हैं भोले बाबा से जुड़े पहले के विवाद…

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Jul 03, 2024
Bhole Baba old controversies

Bhole Baba Satsang Hathras: यूपी के हाथरस में भोले बाबा के धार्मिक प्रवचन के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई है। इससे पहले भी भोले बाबा विवादों में घिर चुके हैं। कोविड महामारी के दौरान जब उन्होंने मई 2022 में फर्रुखाबाद जिले में सत्संग के लिए इजाजत मांगी। इसमें केवल 50 लोग शामिल हो सकते थे। हालांकि, इसमें लोगों की संख्या 50 हजार से ज्यादा हो गई थी, जिससे स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी।

कौन हैं साकार विश्व हरि भोले बाबा?

साकार विश्व हरि भोले बाबा को पहले सौरभ कुमार के नाम से जाना जाता था। पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस के खुफिया विभाग में कार्यरत थे। उन्होंने 17 साल की सेवा के बाद अपनी नौकरी छोड़ दी और एक प्रचारक के रूप में आध्यात्मिक यात्रा पर निकल पड़े। वह अपनी पत्नी के साथ सत्संग कार्यक्रम आयोजित करते हैं। उन्हें 'पटियाली के साकार विश्व हरि बाबा' के नाम से भी जाना जाता है।

बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी हैं। हालांकि, बाबा और उनके अनुयायी मीडिया और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखते हैं। फिर भी उनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं, जो खुद को 'बाबा की सेना' कहते हैं।

भोले बाबा का नहीं कोई धार्मिक गुरु 

एक भक्त के अनुसार, भोले बाबा का कोई धार्मिक गुरु नहीं था। सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के तुरंत बाद उन्हें देवता के 'दर्शन' हुए। तब से ही उनका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर हो गया। वह हर मंगलवार को सत्संग करते हैं। हाथरस से पहले पिछले हफ्ते उन्होंने मैनपुरी जिले में भी ऐसा ही आयोजन किया था। मैनपुरी में भी बाबा का आश्रम है।

Published on:
03 Jul 2024 03:16 pm
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