UP Hathras stampede 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में मची भगदड़ में 130 से ज्यादा लोगों के मौत की सूचना सामने आई है। भोले बाबा सत्संग घटना में लगभग 200 लोग घायल हो गए हैं। आइए आपको बताते है कौन हैं भोले बाबा।
Who is Bhole Baba: हाथरस जिले में हुआ यह हादसा नारायण साकार हरि/ साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के समापन पर हुआ। पटियाली तहसील के बहादुर गांव में जन्मे भोले बाबा अपने आपको को इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) का पूर्व कर्मचारी बताते हैं। अब हर किसी के मन में सवाल कौंध रहा है कि कौन हैं वो बाबा जिसके कार्यक्रम में इतने बड़े पैमाने में लोग हादसे के शिकार हुए।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में प्रवचन के दौरान भारी भीड़ में भगदड़ मच जाने से लगभग 110 से अधिक लोगों के जान गंवाने की सूचना है। इस हादसे में लगभग 200 लोगों के घायल होने की भी सूचना सामने आ रही है। भोले बाबा का इतिहास बहुत ही रोचक है।
भोले बाबा (Bhole Baba) का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था। पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताते हैं। उनका दावा है कि 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे। उनका दावा है कि 18 साल की नौकरी से VRS लेने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ। नौकरी से त्यागपत्र देकर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए। पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में तेजी से प्रभाव बनाने वाले भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है।
बताया जाता है कि कई IAS-IPS भी उनके भक्त हैं। उनके सत्संग नें बड़े नेता और अधिकारी भी पहुंचते हैं। भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं।
आपको बता दें कि भोले बाबा (Bhole Baba) अन्य लोगों की तरह भगवाधारी ना होकर सफेद सूट और सफेद जूता पहनते हैं। इसके उलट बाबा के सेवादार काले कपड़ों में दिखाई देते हैं। ये सेवादार प्रत्येक मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी जैसे भोजन, पानी और ट्रैफिक संभालते हैं। बाबा की खासियत है कि भले ही उनके सोशल मीडिया पर ढेरों फालोवर ना हों लेकिन जमीनी स्तर पर बाबा के लाखों भक्त हैं।
प्राथमिक तौर पर हादसे में प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है। मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। भोले बाबा के सत्संग में क्षमता से ज्यादा भक्त इकट्ठा हो गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो सत्संग खत्म होने के बाद बाहर निकलने की जल्दबाजी में भगदड़ मची जो देखते ही देखते चीख पुकार में बदल गई। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हादसे के बाद से बाबा की कोई जानकारी नहीं मिल रही है।