स्टडी के अनुसार देशभर में दर्ज सभी कैंसर मामलों में 51.1% मरीज महिलाएं हैं। यानी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा पाई जा रही है। हालांकि, राहत की बात यह है कि महिलाओं में मृत्यु दर लगभग 45% है।
Cancer दुनिया भर में एक खतरनाक बिमारी के रूप में है। इससे हर साल हजारों लोगों की जान जाती है। वैसे ही भारत में भी कैंसर का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। हर साल लाखों लोगों की मौत इसकी वजह से हो रही है। हाल ही में 2015 से 2019 तक के आंकड़ों पर आधारित एक स्टडी किया गया, जिसमें देशभर की 43 जनसंख्या-आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों (PBCR) का डाटा शामिल किया गया। इसमें सामने आया कि भारत में किसी भी व्यक्ति के जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना लगभग 11% है। यानी, हर 100 में से करीब 11 लोग कभी न कभी कैंसर का शिकार हो सकते हैं। सिर्फ साल 2024 में ही देश में लगभग 15.6 लाख नए मामले दर्ज हुए और 8.74 लाख लोगों की मौत हुई।
स्टडी के अनुसार देशभर में दर्ज सभी कैंसर मामलों में 51.1% मरीज महिलाएं हैं। यानी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा पाई जा रही है। हालांकि, राहत की बात यह है कि महिलाओं में मृत्यु दर लगभग 45% है। विशेषज्ञों के मुताबिक, महिलाओं में अधिकतर मामले स्तन (ब्रेस्ट) और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर के हैं, जो जल्दी जांच में पकड़ में आ जाते हैं और सही समय पर इलाज करने से अच्छे नतीजे मिलते हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक पुरुषों में कैंसर के मामले अक्सर फेफड़ों और पेट से जुड़े होते हैं, जिनका इलाज कठिन माना जाता है। दूसरी ओर, ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती चरण में पता लगाना अपेक्षाकृत आसान होता है। यही कारण है कि पुरुषों में कैंसर से मृत्यु दर अधिक देखी जाती है। हाल के वर्षों में ओरल (मुख) कैंसर के मामलों में भी तेजी आई है और अब यह पुरुषों में सबसे आम कैंसर बन चुका है।
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के मुताबिक 2009-10 से 2016-17 के बीच देश में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या 34.6% से घटकर 28.6% हो गई। इसके बावजूद ओरल कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है। डॉक्टरों का मानना है कि इसका एक बड़ा कारण शराब का बढ़ता सेवन हो सकता है। शराब न केवल लिवर बल्कि गला, मुंह, पेट और बड़ी आंत जैसे अंगों में भी कैंसर का खतरा बढ़ाती है। अगर शराब और तंबाकू दोनों का सेवन किया जाए, तो जोखिम और ज्यादा हो जाता है।
स्टडी में यह भी सामने आया कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में कैंसर के मामले सबसे अधिक हैं। यहां महिलाओं में सर्वाइकल, फेफड़े और ओरल कैंसर के केस ज्यादा दर्ज किए गए। इसके पीछे मुख्य कारण यहां का खानपान, धूम्रपान, तंबाकू का अत्यधिक उपयोग और संक्रमण-जनित बीमारियां हैं। उदाहरण के लिए, मिजोरम में कैंसर का खतरा सबसे अधिक पाया गया है। पुरुषों में 21.1% और महिलाओं में 18.9%, जो देश के औसत से कहीं ज्यादा है।