Post-monsoon health tips : मानसून के बाद शरद ऋतु में अक्सर लोगों को स्किन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। सर्दियों की शुरुआत से पहले लोग स्किन पर दाने, सोरायसिस और रूखी त्वचा जैसी समस्याओं का अनुभव करते हैं। क्या आप भी इन समस्याओं का अनुभव करते हैं?
Post monsoon health tips : मानसून के बाद का मौसम, यानी शरद ऋतु, अपने साथ कई स्वास्थ्य चुनौतियाँ लेकर आता है, खासकर त्वचा से जुड़ी समस्याओं को। जैसे ही सर्दी की शुरुआत होती है, कई लोग रूखी त्वचा, सोरायसिस और स्किन रैशेज जैसी समस्याओं का सामना करने लगते हैं। ऐसे में अपने शरीर और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए कुछ विशेष उपायों को अपनाना आवश्यक हो जाता है। गोरखपुर के वैद्य मृत्युंजय त्रिपाठी ने कुछ सरल और प्रभावी उपाय सुझाए हैं, जो आपको इन समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करेंगे।
Post monsoon health tips : वैद्य त्रिपाठी बताते हैं कि मानसून के बाद पित्त दोष का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे त्वचा रोगों की संभावना बढ़ती है। पित्त को नियंत्रित करने के लिए सूखे और बेकरी उत्पादों का सेवन कम करें। तला-भुना भोजन और मसालेदार चीजों से परहेज करना भी त्वचा को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
"पेट साफ, त्वचा साफ" - यह सूत्र वैद्य त्रिपाठी द्वारा विशेष रूप से सुझाया गया है। पेट के स्वस्थ रहने से त्वचा पर चमक आती है और समस्याओं से बचा जा सकता है। हरी सब्जियों और फलियों का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखने में सहायक होता है।
शरद ऋतु में मौसमी सब्जियों का सेवन बढ़ाने से स्वास्थ्य में बड़ा सुधार देखा जा सकता है। करेला, परवल, आंवला, लौकी और अंकुरित अनाज जैसी सब्जियाँ त्वचा और पेट दोनों के लिए फायदेमंद होती हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से हाइड्रेटेड और स्वस्थ बनाए रखते हैं।
शरद ऋतु में रक्तचाप (बीपी) बढ़ने की संभावना अधिक रहती है। इससे बचने के लिए वैद्य मृत्युंजय नियमित व्यायाम करने की सलाह देते हैं। नियमित रूप से हल्का व्यायाम या योग करना शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और त्वचा को अंदर से पोषण मिलता है।
इस मौसम में पेट को हल्का रखने के लिए वैद्य त्रिपाठी हल्का और सुपाच्य भोजन करने की सलाह देते हैं। गेहूं की जगह जौ और मूंग दाल से बनी रोटियाँ खाएं। ये पित्त दोष को कम करने के साथ-साथ पेट को भी स्वस्थ रखते हैं।
अंत में, वैद्य त्रिपाठी कहते हैं कि इस मौसम में पानी का सेवन बढ़ा देना चाहिए। शरीर को हाइड्रेटेड रखना त्वचा की चमक को बनाए रखने में मदद करता है और रूखी त्वचा, स्किन रैशेज जैसी समस्याओं से बचाता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।
शरद ऋतु में त्वचा और स्वास्थ्य की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन वैद्य मृत्युंजय त्रिपाठी द्वारा बताए गए इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपनी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बना सकते हैं। प्राकृतिक उपायों के साथ संतुलित आहार और नियमित व्यायाम आपको निरोगी बनाए रखेगा।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।