Asthma Vs Allergy: क्या आप जानते हैं कि अस्थमा और एलर्जी एक जैसी नहीं, बल्कि दो अलग बीमारियां हैं? होम्योपैथी विशेषज्ञ बताते हैं कि इन दोनों बीमारियों में क्या अंतर है और साथ ही इससे जुड़े कुछ सामान्य सवालों के जवाब भी दीजिए गए हैं।
Asthma Vs Allergy: भारत में 35 मिलियन लोग अस्थमा और 2.5 करोड़ लोग एलर्जी से जूझ रहे हैं। इन दोनों बीमारियों के नाम सुनते ही छींक, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण जेहन में आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अस्थमा और एलर्जी एक जैसी नहीं, बल्कि दो अलग बीमारियां हैं? डॉ. तिलक राज अरोड़ा (वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी)) बताते हैं कि इन दोनों बीमारियों में क्या अंतर है, कैसे ये एक-दूसरे को प्रभावित करती हैं और कैसी दिनचर्या अपनाने से इनका खतरा कम किया जा सकता है।
एलर्जी में छींकें आना, नाक बहना और आंखों से पानी आना शुरुआती लक्षण होते हैं। अस्थमा में सांस फूलना, सांस बंद हो जाना, सांस के साथ सीटी की आवाज आना, सीने में जकड़न जैसे लक्षण खासकर रात या सुबह के समय दिखाई देते हैं।
एलर्जिक राइनाइटिस अस्थमा को बढ़ा सकता है। दोनों बीमारियों का कारण एक ही एलर्जन हो सकता है। इसलिए दोनों बीमारियों का इलाज एक साथ होना जरूरी है।
अगर डॉक्टर की सलाह से एलर्जी की दवाएं लंबे समय तक ली जाएं तो सामान्यतः सुरक्षित होती हैं, परंतु खुद से दवा लेना या बार-बार दवा बदलने के कारण साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए हमेशा डॉक्टर की निगरानी में ही दवा लें।
नहीं, अस्थमा पूरी तरह ठीक नहीं होता है, लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है। एलर्जी और अस्थमा होम्योपैथी से लगभग ठीक किया जा सकता है। दोनों बीमारियों को काबू में रखना ही होम्योपैथी इलाज का लक्ष्य है और यह सामान्यतः पूरा भी होता है।
जिन मरीजों का अस्थमा अनकंट्रोल्ड होता है या जो मरीज दवा नियमित रूप से नहीं लेते हैं। सर्दी-जुकाम, धूल, धुआं या परागकणों से एलर्जिक लोगों में, साथ ही धूम्रपान करने वाले या उसके संपर्क में आने वाले लोगों में, मौसम परिवर्तन खासकर सर्दी और बरसात के समय अस्थमा अटैक का खतरा अधिक रहता है।
मास्क धूल, परागकण, धुआं और संक्रमण से बचाता है। एयर प्यूरीफायर घर की हवा से एलर्जन और प्रदूषण को घटाते हैं। खासकर एलर्जी या अस्थमा वाले मरीजों के लिए मास्क और एयर प्यूरीफायर उपयोगी हैं।
ये दोनों बीमारियां एक साथ हो सकती हैं, जिसे एलर्जिक अस्थमा कहते हैं।
अपनी दिनचर्या में सुधार करने से बहुत हद तक एलर्जी और अस्थमा के लक्षणों की तीव्रता व अटैक की आवृत्ति घटाई जा सकती है।
अगर आपको अचानक से एलर्जी के लक्षण हों तो तुरंत एलर्जन से दूर जाएं (धूल, परफ्यूम, धुआं), नाक और आंखें ठंडे पानी से धोएं, और अगर सांस लेने में कठिनाई या चक्कर आ रहे हों तो तुरंत अस्पताल जाएं।