benefits of karela in diabetes : करेले रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसके पीछे कारण यह है कि इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो इंसुलिन के समान कार्य करते हैं। इसके अलावा, यह शरीर को दिनभर सक्रिय बनाए रखने और ग्लूकोज के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।
benefits of karela in diabetes : करेले खाने से आपकी कोशिकाओं को ग्लूकोज प्राप्त होता है, जो लिवर, मांसपेशियों और वसा तक सही तरीके से पहुंचता है। करेला प्रीडायबिटीज या मधुमेह का इलाज नहीं है, लेकिन यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है। यह महत्वपूर्ण है कि मधुमेह एक जीवनशैली से संबंधित बीमारी है। यदि आप अपनी जीवनशैली में सुधार करेंगे, तो आपकी मधुमेह की स्थिति भी बेहतर हो सकती है। इसलिए, इस बीमारी में आहार पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
डायबिटीज (benefits of karela in diabetes ) से बचाव में करेला महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में शुगर के मरीज करेले का जूस या सब्जी को अपनी दैनिक डाइट में शामिल कर सकते हैं। अब यह समझने की कोशिश करते हैं कि करेला डायबिटीज में कैसे लाभकारी होता है। यदि मरीज डायबिटीज के बाद उचित आहार का पालन नहीं कर रहा है, तो इससे शरीर के कई अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप उनके क्षति का खतरा बढ़ जाता है।
जब इंसुलिन का स्तर कम होता है, तो रक्त में शर्करा, जिसे ग्लूकोज भी कहा जाता है, का स्तर बढ़ने लगता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है।
जब शरीर के पैनक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है या पैनक्रियाज पूरी तरह से इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, तब इंसुलिन का मुख्य कार्य रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना होता है। इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन है, जो शरीर के पाचन ग्रंथि द्वारा निर्मित होता है।
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करेले का जूस (benefits of karela in diabetes ) स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद माना जाता है। जूस बनाने के लिए ताजे करेलों को पहले छील लें। फिर उन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर आधे घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद, करेलों को जूसर में डालें। इसमें थोड़ा नींबू का रस और आधा चम्मच नमक मिलाएं। इसे पीने के लिए तैयार है।
करेला (benefits of karela in diabetes ) एंटीबायोटिक और एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है। इसके अतिरिक्त, इसमें एंटी डायबिटिक गुण भी मौजूद हैं। करेले में पाए जाने वाला चरनटीन रक्त में ग्लूकोज स्तर को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा, करेले में पॉलीपेप्टाइड-पी या पी-इंसुलिन भी पाया जाता है, जो स्वाभाविक रूप से शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।