Brain Eating Amoeba : केरल में 9 साल की बच्ची की मौत ब्रेन-ईटिंग अमीबा (Naegleria fowleri) से हुई। जानिए यह दिमाग खाने वाला कीड़ा क्या है, इसके लक्षण और इससे बचने के उपाय।
Brain Eating Amoeba : केरल के कोझिकोड से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहां 9 साल की बच्ची की मौत ब्रेन-ईटिंग अमीबा (Brain Eating Amoeba) से हो गई। इसके अलावा दो और मरीज गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। जिनमें से एक वेंटिलेटर पर है।
यह कोई पहला मामला नहीं हैं। इससे पहले भी अमीबा के दिमाग खाने से बच्चों की मौत हो चुकी है। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और साफ-सफाई के नियमों का पालन करने की सलाह दी है। तो आइए जानते हैं कि क्या है यह गंभीर बीमारी और कैसे हम अपने बच्चे को इससे बचा सकते हैं।
दरअसल, यह कोई आम कीड़ा नहीं बल्कि एक बेहद खतरनाक परजीवी अमीबा है। इसका वैज्ञानिक नाम है निग्लेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri)। यह पानी में पाया जाता हैऔर अमीबिक मोंनिगोएन्सेफलाइटिस नाम की बिमारी का कारण बनता है। यह अमीबा नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है और सीधे दिमाग तक पहुंचकर दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देता है। यही वजह है कि इसे लोग ब्रेन ईटिंग अमीबा कहते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो यह बिमारी इंसान से इंसान में नहीं फैलती। यह केवल पानी के जरिए फैलती है। खासकर तब जब कोई व्यक्ति ठहरे हुए पानी, तलाब, कुएं या साफ न किए गए स्विमिंग पूल में नहाता या तैरता है। अमीबा पानी से नाक में घुसकर दिमाग तक पहुंच सकता है।
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