
Brain Eating Amoeba
'दिमाग खाने वाले अमीबा' (Brain Eating Amoeba) के संक्रमण से केरल के एक लड़के की मौत है। यह एक दुर्लभ बीमारी है। जो दिमाग में संक्रमण करता है। यह बीमारी दुषित पानी से इंसानों में फैलता है। इस बीमारी की चपेट में आए केरल के लड़के का नाम गुरुदत्त है। जिसको प्राइम अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस इंफेक्शन (amoebic meningoencephalitis infection) के बाद एक जुलाई को अलाप्पुझा मेडिकल कॉलेज में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। यह अमीबा नाक के जरिए लड़के के शरीर में घुसा था।
जानिए क्या है पीएएम (PAM)
अमीबा के जरिए पीएएम नेगलेरिया फाउलेरी (PAM Naegleria fowleri) नामक बीमारी फैलती है। यह अमीबा (Amoeba) पानी के स्थानों जैसे झीलों, नदियों में रहता है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार यह बीमारी तभी होता है जब अमीबा नाक के जरिए ब्रेन तक पहुंच जाता है। ब्रेन के पहुचने के बाद इंफेक्शन होने पर यह जानलेवा बन जाता है।
पीएएम के लक्षण Symptoms of PAM
इसका लक्षण बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के साथ ओवरलैप हो सकता है। जिससे बुखार, सिरदर्द, उल्टी, मतली और दौरे शामिल हैं। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति में उलझन, गर्दन में अकड़न, चक्कर इत्यादि लक्षण दिख सकते हैं।
इस तरह करें बचाव Defend PAM
पीएएम गंदा पानी पीने से नहीं फैलता। यह रुके हुए साफ पानी में होता है। जो ज्यादातर नाक के रास्ते शरीर में पहुंचता है। इसलिए नदी, तालाब, झरनों या स्वीमिंग पूल में नहीं नहाएं। जब आप पानी के अंदर मुंह डालते हैं तब यह आपके शरीर में पानी के जरिए घुस जाता है। जिसके बाद सीधा दिमाग में घुस जाता है। दिमाग में पहुंचकर यह कोशिकाओं को खाने लगता है।
Updated on:
08 Jul 2023 12:31 pm
Published on:
08 Jul 2023 12:29 pm
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