DNA Switch: वैज्ञानिकों ने डीएनए का एक खास स्विच खोज निकाला है, जिसने इंसानी दिमाग को बंदरों से अलग और अधिक विकसित बनाया। यह शोध अल्जाइमर और ऑटिज्म जैसी बीमारियों के निदान में भी मददगार हो सकता है।
DNA Switch: वैज्ञानिकों ने इंसान के दिमाग को समझने की दिशा में एक बड़ी खोज की है। अमेरिका की सान डिएगो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने डीएनए का एक ऐसा खास हिस्सा खोज निकाला है जो दिमाग के विकास और उसके कामकाज में अहम भूमिका निभाता है। इस खास डीएनए स्विच की वजह से इंसान का दिमाग बंदरों से ज्यादा विकसित हुआ है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि हमारे दिमाग के सही तरह से काम करने के पीछे एचएसआरए123 नाम का एक जेनेटिक स्विच जिम्मेदार है। यह स्विच दिमाग के अलग-अलग हिस्सों को बैलेंस करता है और उनके बीच तालमेल बनाता है। यही कारण है कि इंसान सोचने, समझने और चीजों को विकसित करने में बाकी जीवों से आगे है।
एचएसआरए123 जीन न सिर्फ दिमाग के आकार को नियंत्रित करता है, बल्कि यह भी तय करता है कि कौन-सा हिस्सा कितनी तेजी से विकसित होगा। यही वजह है कि इंसानी दिमाग बंदरों से अलग और अधिक उन्नत बना।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज केवल विकास की गुत्थी सुलझाने तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इससे भविष्य में कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी मदद मिल सकती है। खासकर, अल्जाइमर और ऑटिज्म जैसी दिमागी बीमारियों को समझने और उनका निदान करने में यह शोध काफी उपयोगी हो सकता है।