Genetic mutation reduces sugar cravings : क्या आप भी मीठा कम खाने पर जोर देने की कोशिश कर रहे हैं मगर यह कामयाब नहीं हो पा रहा है, तो यह खबर आपके लिए है।
Genetic mutation reduces sugar cravings : अगर आप भी मीठा खाने की लालसा (Sugar cravings) को कम करना चाहते हैं लेकिन बार-बार असफल हो रहे हैं, तो आपके लिए एक राहत की खबर आई है। एक अंतरराष्ट्रीय शोध टीम ने पाया है कि एक विशेष जेनेटिक म्यूटेशन (आनुवंशिक उत्परिवर्तन) इंसानों में मीठा खाने (Sugar cravings) की इच्छा को कम कर सकता है। नॉटिंघम विश्वविद्यालय के नेतृत्व में यह शोध विभिन्न देशों जैसे डेनमार्क, ग्रीनलैंड, इटली और स्पेन के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर किया गया है।
शोधकर्ताओं ने एक जीन का पता लगाया है जिसे "सुक्रेज-आइसोमाल्टोज" या एसआई जीन कहते हैं। यह जीन शरीर में सुक्रोज यानी साधारण शब्दों में कहें तो शुगर को पचाने की क्षमता को प्रभावित करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि एसआई जीन की कमी वाले लोग मीठा पचाने में परेशानी महसूस कर सकते हैं, जिससे उनकी मीठा खाने की लालसा (Sugar cravings) में कमी आती है।
चूंकि चीनी के अधिक सेवन से मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज जैसी समस्याएं बढ़ती हैं, इस शोध के परिणाम मोटापा और डायबिटीज से निपटने में मददगार हो सकते हैं। शोध का यह निष्कर्ष गैस्ट्रोएंटरोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिससे वैज्ञानिक अब एसआई जीन को टारगेट कर इस समस्या का हल निकालने की दिशा में काम कर सकते हैं।
शोध के अनुसार, एसआई जीन न केवल मीठा खाने की आदत पर असर डालता है, बल्कि इसे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम(आईबीएस) से भी जोड़ा गया है। यह एक सामान्य फंक्शनल डिसऑर्डर है, जिसमें पेट से संबंधित कई समस्याएं होती हैं। एसआई जीन की कमी वाले व्यक्तियों में आईबीएस की संभावना अधिक होती है।
नॉटिंघम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन में शोध टीम के प्रमुख, डॉ. पीटर एल्डिस का कहना है, “इस शोध से पता चलता है कि सुक्रोज को पचाने की हमारी क्षमता में जेनेटिक भिन्नता न केवल हमारे शुगर इन्टेक को प्रभावित कर सकती है, बल्कि यह भी तय कर सकती है कि हम मीठा खाना कितना पसंद करते हैं।”
शोधकर्ताओं ने पहले इस जीन के बिना चूहों पर परीक्षण किया। इन चूहों में मीठे का सेवन और मीठे की पसंद में कमी देखी गई। इसका मतलब यह हुआ कि अगर इस जीन की कमी होती है, तो मीठे के प्रति आकर्षण स्वाभाविक रूप से कम हो सकता है।
शोध की पुष्टि के लिए इस टीम ने ग्रीनलैंड के 6,000 व्यक्तियों और यूके के 1,34,766 व्यक्तियों पर अध्ययन किया। परिणाम से यह निष्कर्ष निकाला गया कि एसआई जीन की कमी वाले लोगों में मीठे की लालसा कम हो सकती है।
यह शोध मीठा खाने की आदत (Have a sweet tooth) को नियंत्रित करने के लिए एक नया दृष्टिकोण पेश करता है। संभव है कि भविष्य में एसआई जीन पर आधारित उपचार या सप्लीमेंट्स तैयार किए जा सकें, जो लोगों को मीठे की लालसा को स्वाभाविक रूप से कम करने में मदद कर सकें।