माता-पिता को पहले यह समझना चाहिए कि हर लक्षण का कारण अलग हो सकता है। इसलिए उपचार से पहले सही निदान करना जरूरी है।
-बाल रोग विशेषज्ञों ने चेताया
उत्तरी राज्यों में कथित खांसी की दवाइयों cough medicines के सेवन से कई बच्चों की मौत होने के बाद, शहर Bengaluru के चिकित्सकों ने विशेषकर उन अभिभावकों को चेताया है, जो बिना बाल रोग विशेषज्ञों की सलाह के दवा दुकानों से सर्दी-खांसी cough and cold की दवा या एंटीबायोटिक्स खरीद बच्चों को पिलाते हैं।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. वर्षिनी पी. ने कहा कि दवा की सही मात्रा (डोज) बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दवा की मात्रा बच्चे की उम्र और वजन पर निर्भर करती है। जरा सी गलती भी गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है। माता-पिता को पहले यह समझना चाहिए कि हर लक्षण का कारण अलग हो सकता है। इसलिए उपचार से पहले सही निदान करना जरूरी है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार एम. के अनुसार हर दवा सभी के लिए उपयुक्त नहीं होती। एलर्जी या साइड इफेक्ट्स Allergies or side effects का खतरा हमेशा रहता है। कुछ दवाइयां पाचन संबंधी समस्याएं, चकत्ते (रैशेज) या सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकती हैं। इसलिए दवा देने से पहले एलर्जी की जांच जरूरी है।बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमशेखर ने बताया कि बहुत से लोग बिना सलाह के एंटीबायोटिक्स तक दे देते हैं। एंटीबायोटिक्स antibiotics का अधिक प्रयोग ड्रग रेजस्टिेंस बढ़ा रहा है। बिना चिकित्सक की सलाह पर एंटीबायोटिक्स लेना और कोर्स पूरा न करना जीवाणुओं को दवाओं के प्रति प्रतिरोधी बना देता है। परिणामस्वरूप, जरूरत पडऩे पर दवाएं असर नहीं करतीं।
उन्होंने नवजात शिशुओं में दवा से होने वाली विषाक्तता (नीओनेटल टॉक्सिसिटी) पर जोर देते हुए कहा कि कुछ दवाइयां या कफ सिरप, जिन्हें वयस्क उपयोग करते हैं बच्चों के लिए विषैली और जानलेवा साबित हो सकती हैं।