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वैकल्पिक आवास देने का सरकार का फैसला मानवीय, तुष्टीकरण नहीं: शिवकुमार

मानवीय आधार पर मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लोगों को घर दिए जा रहे हैं। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि उनके पास टाइटल डीड थी। इसकी जांच की जा रही है। कुछ बाहरी लोग भी अतिक्रमण में शामिल हो गए थे। हमारे पास दस्तावेज मौजूद हैं। जिनके नाम मतदाता सूची और अन्य रिकॉर्ड में सही पाए जाएंगे, उनका पुनर्वास किया जाएगा।

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तुष्टीकरण की राजनीति का कोई सवाल ही नहीं

अतिक्रमण के पीछे जिन लोगों की भूमिका है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ लोगों ने बयान दिए हैं कि उनसे घर बनाने की अनुमति देने के लिए पैसे लिए गए थे।

उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार D.K. Shivakumar ने शहर के कोगिलू Kogilu Layout में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान जिन लोगों के अवैध रूप से बने घर गिराए गए, उन्हें वैकल्पिक आवास देने के राज्य सरकार के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने इस फैसले को मानवीय करार देते हुए विपक्ष के तुष्टीकरण की राजनीति के आरोपों को सिरे से खारिज किया।

मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में शिवकुमार ने कहा कि राहत केवल उन्हीं असली और स्थानीय लोगों को दी जाएगी, जिनके दस्तावेजों की पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी अवैध अतिक्रमण को वैध नहीं बना रही है।

अतिक्रमण करने वालों को कोई तोहफा नहीं

बेंगलूरु विकास विभाग का भी दायित्व संभालने वाले शिवकुमार ने कहा, तुष्टीकरण की राजनीति का कोई सवाल ही नहीं है। कोई भी अवैध अतिक्रमण नहीं कर सकता। हम अतिक्रमण करने वालों को कोई तोहफा नहीं दे रहे हैं। अतिक्रमण के पीछे जिन लोगों की भूमिका है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ लोगों ने बयान दिए हैं कि उनसे घर बनाने की अनुमति देने के लिए पैसे लिए गए थे।

कई लोग दूसरे राज्यों से आए प्रवासी

उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर को कोगिलू के वसीम लेआउट और फकीर कॉलोनी में बेंगलूरु ठोस अपशिष्ट प्रबंधन लिमिटेड ने प्रस्तावित ठोस कचरा निस्तारण इकाई के लिए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी। अधिकारियों के अनुसार, ये घर बिना किसी आधिकारिक अनुमति के बनाए गए थे और इनमें से कई लोग दूसरे राज्यों से आए प्रवासी थे।

दस्तावेज मौजूद

शिवकुमार ने कहा कि मानवीय आधार पर मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लोगों को घर दिए जा रहे हैं। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि उनके पास टाइटल डीड थी। इसकी जांच की जा रही है। कुछ बाहरी लोग भी अतिक्रमण में शामिल हो गए थे। हमारे पास दस्तावेज मौजूद हैं। जिनके नाम मतदाता सूची और अन्य रिकॉर्ड में सही पाए जाएंगे, उनका पुनर्वास किया जाएगा।

सरकार के पुनर्वास की घोषणा के बाद राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने वसीम लेआउट और फकीर कॉलोनी में घरों को गिराने की कार्रवाई को बुलडोजर राज का क्रूर सामान्यीकरण बताया था। इसके बाद कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने भी हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को कांग्रेस नेतृत्व की चिंता से अवगत कराया था और कहा था कि ऐसी कार्रवाइयों में अधिक संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।

हमें पता है कि अपना राज्य कैसे चलाना है

पड़ोसी राज्य के नेताओं की टिप्पणियों को लेकर पूछे गए सवाल पर शिवकुमार ने कहा, वे निंदा करें या जो चाहें करें। हमें पता है कि अपना राज्य कैसे चलाना है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सुशासन वाला राज्य है और उसे बेवजह के दखल की जरूरत नहीं है। अगर वे चाहें, तो अतिक्रमण में शामिल लोगों को अपने राज्य ले जाएं और उन्हें जो देना है, दें। हम जानते हैं कि अपने लोगों की देखभाल कैसे करनी है और हम वही करेंगे। देश के बड़े नेता जवाब देंगे जब उनसे कोगिलू ले आउट मुद्दे पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री के जवाब के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि देश के बड़े नेता इसका जवाब देंगे।