Good Sleep Brain Health : एक नए शोध में सामने आया है कि अगर किसी को लंबे समय तक नींद की समस्या (क्रोनिक अनिद्रा) रहती है, तो उसके दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है।
Good Sleep Brain Health : अक्सर हम अच्छी नींद को बस अगले दिन तरोताजा महसूस करने का जरिया मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी आज की आरामदायक नींद आपके भविष्य के दिमागी स्वास्थ्य की सबसे बड़ी गारंटी हो सकती है? हाल ही में हुए एक नए और महत्वपूर्ण शोध ने इस बात पर जोर दिया है कि अगर आप लंबे समय से नींद न आने की समस्या (Chronic Insomnia) से जूझ रहे हैं, तो यह सिर्फ आपकी थकान नहीं बढ़ाती, बल्कि आपके मस्तिष्क को भी समय से पहले बूढ़ा कर सकती है
यह शोध 'Neurology' नामक प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। करीब पाँच साल तक 2,750 लोगों पर किए गए इस अध्ययन में यह पाया गया कि जिन लोगों को लगातार नींद की समस्या थी, उनमें दिमागी कमजोरी (Cognitive Impairment) का खतरा 40% तक बढ़ गया था। यानी, नींद न आना सिर्फ एक परेशानी नहीं, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम है।
मायो क्लिनिक सेंटर फॉर स्लीप मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर और न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ, डॉ. डिएगो कार्वाल्हो बताते हैं, "इस शोध का सबसे अहम नतीजा यह है कि हम क्रोनिक इंसोम्निया को दिमागी गिरावट के लिए एक 'बदला जा सकने वाला जोखिम कारक' मान सकते हैं।" इसका मतलब है कि अगर हम अपनी नींद की आदतों को सुधार लें, तो शायद हम अपने दिमाग को बुढ़ापे की कई बीमारियों से बचा सकते हैं।
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. रेचल सालस के अनुसार, नींद की कमी का असर सिर्फ थकान तक सीमित नहीं है। यह आपकी दैनिक कार्यक्षमता और समग्र स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती है।
हमारा दिमाग दिन भर की गतिविधियों के बाद रात में खुद की सफाई करता है। शोध बताते हैं कि गहरी नींद के दौरान दिमाग से टॉक्सिक प्रोटीन (जैसे एमीलोइड बीटा) को हटाया जाता है। यही प्रोटीन अल्जाइमर जैसी खतरनाक बीमारी से जुड़ा है। अच्छी नींद न सिर्फ याददाश्त को मजबूत करती है, बल्कि भावनाओं को भी नियंत्रित रखती है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनिद्रा को अक्सर अनदेखा किया जाता है, खासकर बुजुर्गों में। लोग अक्सर मानते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ नींद का कम होना सामान्य है, जबकि ऐसा नहीं है। अनिद्रा के लिए सबसे प्रभावी उपचार 'कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी फॉर इंसोम्निया' (CBTI) को माना जाता है। इसमें लोगों को ऐसी आदतें और व्यवहार बदलने की सलाह दी जाती है जो उनकी नींद को खराब करते हैं।
अच्छी नींद के लिए कुछ आसान कदम उठाना बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है:
कैफीन पर नियंत्रण: शाम के समय चाय या कॉफी का सेवन कम करें।
स्क्रीन से दूरी: सोने से पहले मोबाइल, टीवी या लैपटॉप से दूर रहें। इनकी नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को रोकती है।
नियमितता: हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने का प्रयास करें, यहाँ तक कि छुट्टियों में भी।
व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है, लेकिन सोने से ठीक पहले भारी व्यायाम न करें।
योग और ध्यान: सोने से पहले 10 मिनट का ध्यान या कुछ मिनट के हल्के योगासन तनाव को कम कर सकते हैं और आपको बेहतर नींद में मदद कर सकते हैं।
तो अगली बार जब आप थकान महसूस करें, तो इसे सिर्फ एक साधारण समस्या न समझें। आपकी अच्छी नींद आपके दिमाग के लिए एक निवेश है, जो भविष्य में कई गंभीर बीमारियों से आपकी रक्षा कर सकता है। अपने दिमाग की सुरक्षा के लिए आज ही अपनी नींद पर ध्यान देना शुरू करें।