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Anti Aging Exercise : 30–40 की उम्र में भी जवान दिखना है? बस ये 7 एक्सरसाइज करें

Anti Aging Exercise : फिटनेस ट्रेनर का कहना है कि अगर आप अपने 30 और 40 की उम्र में ये 7 व्यायाम कर सकते हैं, तो आपका शरीर ज्यादातर लोगों की तुलना में बेहतर तरीके से बूढ़ा हो रहा है।

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भारत

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Manoj Vashisth

Sep 14, 2025

Anti Aging Exercise

Anti Aging Exercise : 30–40 की उम्र में भी जवान दिखना है? बस ये 7 एक्सरसाइज करें (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Anti Aging Exercise : हम कैसे जान सकते हैं कि हमारा शरीर फिट है और ज्यादातर लोगों की तुलना में बेहतर तरीके से बूढ़ा हो रहा है खासकर अगर आप 30 या 40 की उम्र के हैं? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वयस्कों में शारीरिक गतिविधि हार्ट डिजीज, कैंसर और डायबिटीज की रोकथाम और प्रबंधन में योगदान देती है, डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों को कम करती है, ब्रेन हेल्थ को बेहतर बनाती है, और पुरे शरीर के स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है।

फिटनेस और न्यूट्रिशन कोच जय कोहली का कहना है कि एक्टिव रहना ही लंबे समय तक हेल्दी रहने की असली चाबी है।
22 अगस्त को आई एक रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि वे अपने क्लाइंट्स को 7 खास एक्सरसाइज/गतिविधियां करने की सलाह देते हैं।

अगर आप इन 7 कामों को आसानी से और बिना दर्द के कर पा रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपका शरीर ज्यादातर लोगों से बेहतर तरीके से एजिंग (बुढ़ापा) को मात दे रहा है।

चलिए जानते हैं वो 7 जरूरी गतिविधियां कौन सी हैं।

1. पुश-अप्स (Push-Ups)

      जो लोग एक सेट में 40 पुश-अप्स कर सकते हैं, उनमें हार्ट डिजिट का जोखिम उन लोगों की तुलना में काफी कम होता है जो 10 या उससे कम कर सकते हैं। जय कोहली ने सुझाव दिया कि व्यायाम करते समय, व्यक्ति को अपने शरीर को सिर से एड़ी तक एक सीधी रेखा में रखना चाहिए, अपने ग्लूट्स को सिकोड़ना चाहिए, और अपनी रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा और उन्हें अधिक स्थिरता प्रदान करने के लिए अपने पेट को मजबूत बनाना चाहिए।

      2. पुश-अप्स

        हाथों की पकड़ (Grip Strength) सिर्फ ताकत का पैमाना नहीं है, बल्कि यह हमारी सेहत से कई तरह से जुड़ी हुई है। मजबूत पकड़ का मतलब है कि शरीर की कुल ताकत, हाथों का काम करने की क्षमता, हड्डियों की मजबूती, फ्रैक्चर का कम खतरा, गिरने की संभावना कम, पोषण की स्थिति अच्छी, दिमाग की सेहत बेहतर, अवसाद और नींद की समस्याओं का कम असर और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का भी कम खतरा होता है।

        शोध में यह भी सामने आया कि पकड़ की ताकत और लंबी उम्र, बीमारियों से बचाव, भविष्य में काम करने की क्षमता, दिमाग की कार्यक्षमता, मूड और अस्पताल में भर्ती होने जैसी स्थितियों के बीच गहरा संबंध है।

        3. सिंगल-लेग स्क्वाट टू बेंच

          सिंगल-लेग स्क्वाट टू बेंच एक्सरसाइज के बारे में फिटनेस कोच का कहना है कि हर पैर से कम से कम 10 रेप्स (दोहराव) करने का लक्ष्य रखें वो भी बिना संतुलन खोए। यह मूव आपके जांघों (quads) और स्टेबलाइजिंग मसल्स को मजबूत करता है, जो सीढ़ियां उतरने या खेलकूद जैसी रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए बहुत जरूरी हैं।

          जो लोग एक पैर पर कम से कम 10 सेकंड तक खड़े रह सकते हैं, उनकी उम्र लंबी होती है। यानी, अगर 50 साल की उम्र में कोई इंसान एक पैर पर 10 सेकंड तक भी बैलेंस नहीं बना पाता, तो उसमें आगे चलकर मौत का खतरा ज्यादा हो सकता है।

          4. सिंगल-लेग डेडलिफ्ट

            फिटनेस कोच के अनुसार, अपने हैमस्ट्रिंग और ग्लूट्स को प्रशिक्षित करना जरूरी है क्योंकि इससे दर्द, विकलांगता और समग्र मांसपेशियों की मजबूती के मामले में बेहतर परिणाम मिलते हैं।

            प्रत्येक तरफ 10 बार करें। लक्ष्य यह होना चाहिए कि आप अपना संतुलन खोए बिना या संतुलन के लिए विपरीत पैर से ज़मीन को छुए बिना 10 बार करें।"

            5. स्क्वाट जंप

              40 की उम्र के बाद हर दशक में शक्ति लगभग 10 प्रतिशत कम हो जाती है,और स्क्वाट जंप इसमें मदद करते हैं, क्योंकि इनमें विस्फोटक शक्ति का उपयोग होता है।

              6. स्ट्रेचिंग और मोबिलिटी

                स्ट्रेचिंग और मोबिलिटी एक्सरसाइज करने से शरीर का मूवमेंट ठीक बना रहता है और क्रैम्प्स या चोट लगने की संभावना कम हो जाती है। अगर कहीं गिर भी जाएं तो फ्रैक्चर का खतरा कम होता है। जिन लोगों को घुटनों का दर्द, पीठ दर्द या सर्वाइकल जैसी समस्या होती है, उनसे भी बचाव होता है। यही वजह है कि लोग खुद को ज्यादा यंग और एक्टिव महसूस करते हैं। अच्छी फ्लेक्सिबिलिटी से स्टैमिना भी हाई बना रहता है और बुढ़ापे वाले दर्द से बचाव होता है।

                7. स्किपिंग

                  स्किपिंग करने से हड्डियों की मजबूती (Bone Density) बढ़ती है, दिमाग़ और शरीर का तालमेल बेहतर होता है, एक्स्ट्रा फैट बर्न होता है और स्टैमिना व स्पीड दोनों ही हाई रहते हैं।

                  डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।