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राजस्थान में पहली बार मिले 2 दुर्लभ सांप, जानिए सबसे जहरीले और खतरनाक सांपों के बारे में

Deadly Snakes In Rajasthan: राजस्थान में पहली बार 2 दुर्लभ सांप मिले हैं। जानिए प्रदेश के सबसे जहरीले और खतरनाक सांपों के बारे में।

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किंग कोबरा सांप.Photo- AI

Deadly Snakes In Rajasthan: राजस्थान में पहली बार दो दुर्लभ सांप इंडियन स्मूथ स्नेक (वालोफिस ब्राकियुरा) और स्लेंडर कोरल स्नेक (कैलियोफिस मिलेनुरस) मिले हैं।

दुनिया में केवल भारत में पाया जाने वाला एक सांप (इंडियन स्मूथ स्नेक) प्रतापगढ़ के बीएल मेघवाल को मार्च 2024 में एक घर से रेस्क्यू के दौरान मिला, जिसे रणथम्भौर की टाइगर वॉच के कंजर्वेशन बायोलॉजिस्ट डॉ. धर्मेंद्र खांडल ने महत्वपूर्ण मानते हुए उसकी जानकारी एकत्रित की।

राजस्थान में मिलने से पहले इसे कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, MP व गुजरात में देखा गया था। इसी खोज के दौरान बीएल मेघवाल से विमर्श करते हुए यह पता चला कि उन्हें कुछ महीने पहले एक अन्य दुर्लभ सांप स्लेंडर कोरल स्नेक भी मिला था, जिसे उन्होंने कुछ फोटो और वीडियो बनाने के बाद आबादी से दूर सुरक्षित छोड़ दिया था।

इन सभी खोजों को व्यवस्थित रूप से दर्ज कर जब रिसर्च पेपर प्रकाशित करने की प्रक्रिया चल रही थी। उसी अवधि में जुलाई 2025 में प्रतापगढ़ जिले के दलोट क्षेत्र से वन्यजीव प्रेमी लव कुमार जैन ने स्लेंडर कोरल स्नेक के स्नेकलेट को रेस्क्यू किया। इनमें से एक उनकी पुत्री के स्कूल की कक्षा में, जबकि दूसरा उसी क्षेत्र की एक दुकान से मिला।

'दलोट' के इन नमूनों के प्राप्त होने से यह निष्कर्ष निकला कि प्रतापगढ़ में इन सांप की अच्छी आबादी है। इन सभी नई जानकारियों को बीएल मेघवाल, लव कुमार जैन, धर्मेंद्र खांडल और शोधकर्ता व स्नैक एक्सपर्ट विवेक शर्मा की टीम ने भारत के प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ थ्रेटंड टैक्सा के दिसंबर 2025 के अंक में प्रकाशित किया है।

इंडियन स्मूथ स्नेक कितना ख​तरनाक है

इंडियन स्मूथ स्नेक का वैज्ञानिक नाम वालोफिस ब्राकियुरा है। यह सांप इंसानों के लिए खतनाक नहीं माना जाता। वालोफिस ब्राकियुरा के शरीर की बनावट चिकनी होती है। इसलिए इसे स्मूथ स्नेक कहा जाता है।

आमतौर पर इसका रंग भूरा, स्लेटी या हल्का काला होता है, जिस वजह से लोग कई बार इसे गलती से जहरीला सांप समझ लेते हैं, लेकिन यह जहरीला नहीं होता।

यह आमतौर पर इंसानों से बचता है। इंडियन स्मूथ स्नेक को जब खतरा महसूस होता है तो ही यह काटता है। लेकिन इसके काटने से जान का कोई खतरा नहीं होता। केवल सूजन हो सकती है, जो कुछ समय में सही हो जाती है। हालांकि इसके काटने पर भी डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।

कैलियोफिस मिलेनुरस बहुत ही जहरीला सांप

कैलियोफिस मिलेनुरस बहुत ही जहरीला सांप है। यह एलैपिडे परिवार से संबंध रखता है, जिसमें कोबरा और करेत जैसे सांप भी शामिल हैं। इसका शरीर पतला और चमकदार व लाल, नारंगी या गुलाबी होता है, जबकि सिर और पूंछ का पिछला हिस्सा काले रंग का होता है। इसी वजह से इस सांप को ब्लैक-टेल्ड कोरल स्नेक कहा जाता है।

कैलियोफिस मिलेनुरस अधिकतर पत्तियों के नीचे, मिट्टी में या झाड़ियों में छिपकर रहता है और इंसानों के साथ टकराव से बचता है। यह तभी काटता है जब इसे अचानक खतरा महसूस हो।

कैलियोफिस मिलेनुरस सांप डस ले तो यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, सांस लेने में परेशानी और गंभीर स्थिति में लकवा तक हो सकता है।

दोनों सांपों के जीवित नमूनों के आधार पर खोज

वाइल्ड लाइफ एनिमल रेस्क्यू सोसायटी के लवकुमार जैन ने बताया कि राजस्थान के दक्षिणी भाग में प्रतापगढ़ के शुष्क पर्णपाती वनों से दो दुर्लभ सांप इंडियन स्मूथ स्नेक (वालोफिस ब्राकियुरा) और स्लेंडर कोरल स्नेक (कैलियोफिस मिलेनुरस) की खोज की गई है।

यह खोज दोनों प्रजातियों के जीवित नमूनों के आधार पर की गई है। इसी शोध पत्र में पड़ोसी मध्य प्रदेश में इन सांपों की उपस्थिति पर चर्चा की गई। मध्य-पश्चिमी भारतीय क्षेत्र में इनकी व्यापक उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए अन्य महत्वपूर्ण अप्रकाशित स्थानों का भी भारत के प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ थ्रेटंड टैक्सा में उल्लेख किया है।

राजस्थान के सबसे जहरीले और खतरनाक सांप

भारत में सांपों की 300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 66 जहरीली हैं और 42 कम जहरीली हैं। ये 66 जहरीले सांपों की प्रजातियां चार परिवारों (एलापिडे, वाइपरिडे, कोलुब्रिडे, और हाइड्रोफिलिक) में बांटी गई हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार भारत में हर साल सांप के काटने की करीब 30 लाख घटनाएं सामने आती है, जिनमें से करीब 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। वैश्विक आंकड़ों के अनुसार दुनिया में सांप काटने से होने वाली मौतों में लगभग 80 प्रतिशत अकेले भारत में होती हैं।

कोबरा टीम राजस्थान के संस्थापक सुखदेव भट्ट का कहना है कि राजस्थान में कई प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ बहुत ही जहरीले होते हैं। इनमें काेबरा, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर, काॅमन करेत, स्लेंडर कोरल स्नेक, सिंध क्रेट, वॉल्फ़िस ब्रैकियुरा, इंडियन पिट वाइपर और इंडियन स्मूथ स्नेक शामिल हैं।

सुखदेव भट्ट ने बताया कि अगर किसी को सांप ने काट लिया हो और किसी ने देखा नहीं हो तो इसे कुछ लक्षणों से पहचाना जा सकता है। जैसे काटने की जगह पर अचानक दर्द, जलन या सुई चुभने जैसा अहसास और कभी-कभी हल्का खून भी निकलता है।

जहरीले सांप के काटने पर दो साफ निशान नजर आते हैं। जहर शरीर में फैलने पर गला सूखने लगता है और तेज प्यास लगती है। पीड़ित को नींद या चक्कर आने लगते हैं।

इसके अलावा उल्टी, घबराहट, कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत, आंखों के आगे अंधेरा छाना और अचेत होने जैसे लक्षण भी सामने आ सकते हैं। ऐसे में बिना समय व्यर्थ किए जल्दी से जल्दी पीड़ित को अस्पताल ले जाना चाहिए।

अगर आपको सांप दिखे तो क्या करें

  • सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें। उसे खुद जाने का रास्ता दें और सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
  • झाड़ियों, खेतों या खुले इलाकों में जाते समय मजबूत बंद जूते पहनें।
  • बारिश और मानसून के मौसम में विशेष सावधानी रखें। इस दौरान कई प्रजातियों के बच्चे, जिनमें कोबरा भी शामिल है, बाहर निकलते हैं।
  • बाढ़ या जलभराव के समय सांप अपने बिलों से निकलकर घर, सड़क, खेत जैसी सूखी जगहों की ओर आ सकते हैं।
  • सांप आमतौर पर तब तक हमला नहीं करते, जब तक उन्हें छेड़ा, डराया, फंसाया या उन पर पैर न रखा जाए।
  • जंगल में चलते समय टोपी या कैप पहनना पेड़ों पर रहने वाले सांपों से सुरक्षा देता है।
  • मरा हुआ या मरा हुआ लगने वाला सांप भी खतरनाक हो सकता है। कटे हुए सिर के दांतों से भी जहर फैल सकता है।
  • छोटे सांप को भी नजरअंदाज़ न करें, जहरीले सांप छोटे आकार के भी हो सकते हैं।
  • सांप दिखने पर वन विभाग या स्नेक रेस्क्यू टीम को सूचना दें।

सांप के काटने पर क्या करें

  • झाड़-फूंक में समय बर्बाद न करें, तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र/अस्पताल जाएं जहां एंटी-स्नेक वेनम उपलब्ध हो।
  • शांत रहें और पीड़ित को भी शांत रखें। डर और भागदौड़ से जहर तेजी से फैलता है।
  • घाव को धोएं नहीं या घाव के साथ छेड़छाड़ न करें।
  • सूजन से पहले जूते, बेल्ट, अंगूठी, घड़ी जैसे टाइट सामान हटा दें।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना पीड़ित को कोई दवा न दें।
  • सांप के काटने के बाद पीड़ित को मुंह से कुछ भी न दें।
  • सांप के काटने वाली जगह को पीड़ित के दिल के लेवल से ऊपर न उठाएं।
  • सांप को मारने या पकड़ने की कोशिश न करें, क्योंकि यह खतरनाक है।
  • यदि संभव हो तो दूर से सांप की फोटो लें या उसका रंग-आकार याद रखें, लेकिन इसमें समय न गंवाएं।
  • अगर सांप ने आंख में जहर थूका है तो आंख को न रगड़ें। रगड़ने से आंख में जलन होती है और जहर फैलता है।
  • जहर को चूसने या रेजर व चाकू से घाव को काटने की कोशिश न करें, इससे संक्रमण हो सकता है और जहर फैल सकता है।