Guggul Uses for Eyes Ears, Stomach and weight loss: गुग्गुल औषधीय गुणों का भंडार है। आंखों से लेकर कान की दुर्गंध, पाचन तंत्र , मोटापा और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए गुग्गुल का उपयोग किया जाता है। गुग्गुल के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द में आराम देते हैं।
Guggul benefits : आयुर्वेद में हजारों वर्षों से उपयोग की जाने वाली गुग्गुल एक बहुपयोगी औषधि है, जिसे कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जाना जाता है। यह सिर्फ एक जड़ी-बूटी नहीं, बल्कि एक संपूर्ण औषधीय प्रणाली है, जो शरीर के भीतर संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। आंखों की समस्याओं से लेकर पाचन तंत्र और गठिया तक, गुग्गुल का उपयोग अनेक रोगों में फायदेमंद माना जाता है।
गुग्गुल का वानस्पतिक नाम "कॉमीफोरा विग्टी" (Commiphora wightii) है और यह मुख्य रूप से राजस्थान और गुजरात के शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका उपयोग एलोपैथी, यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा में सदियों से हो रहा है। इसके गोंद (रेजिन) का इस्तेमाल औषधियों में किया जाता है, जो कई बीमारियों में फायदेमंद साबित हुआ है।
गुग्गुल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, गुग्गुल का नियमित सेवन मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोगों के खतरे को कम कर सकता है।
कान से दुर्गंध आना या बार-बार संक्रमण होना एक आम समस्या है। गुग्गुल के एंटीबैक्टीरियल गुण कान की सफाई और संक्रमण से बचाव में मदद कर सकते हैं।
गुग्गुल पाचन में सुधार करता है और खट्टी डकार, अपच, एसिडिटी, और गैस जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन पेट के रोगों को दूर कर सकता है।
2015 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, गुग्गुल में मौजूद "गुग्गुलस्टेरोन" नामक तत्व शरीर में अतिरिक्त चर्बी को घटाने में मदद करता है और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम कर सकते है।
गुग्गुल के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द में आराम देते हैं। यह हड्डियों की सूजन को कम करता है और चलने-फिरने में होने वाली कठिनाई को भी कम कर सकता है।
गुग्गुल में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मुंहासों, त्वचा पर दाग-धब्बे और एक्जिमा जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
गुग्गुल रक्त को शुद्ध करता है और बवासीर की समस्या में भी राहत प्रदान करता है। यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर में विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
- गुग्गुल पाउडर को शहद या गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है।
- गुग्गुल टैबलेट और कैप्सूल भी बाजार में उपलब्ध हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार सेवन किया जा सकता है।
- गुग्गुल का धुआं क्षय रोग (टीबी) में फायदेमंद माना जाता है।
गुग्गुल एक प्राकृतिक औषधि है, जो आंखों, कानों, पेट, जोड़ों और त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं में फायदेमंद होती है। आयुर्वेद में इसे रामबाण औषधि माना गया है, लेकिन किसी भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है। अगर इसे सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं!