स्वास्थ्य

HIV Positive Mother Breastfeeding: एचआईवी पॉजिटिव मां भी करा सकती है सुरक्षित ब्रेस्टफीडिंग, जानें क्या रखनी होगी सावधानी

HIV Positive Mother Breastfeeding: एचआईवी पॉजिटिव मां भी सही इलाज और सावधानी से अपने बच्चे को सुरक्षित रूप से स्तनपान करा सकती हैं। जानिए किन मेडिकल गाइडलाइंस और उपायों को अपनाकर मां और शिशु दोनों को संक्रमण से बचाया जा सकता है। यह जानकारी हर मां के लिए जरूरी है।

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Aug 07, 2025
HIV Positive Mother Breastfeeding (photo- freepik)

HIV Positive Mother Breastfeeding: मां बनना हर औरत के लिए एक बेहद खास और भावनात्मक अनुभव होता है। लेकिन अगर कोई महिला HIV पॉजिटिव हो, तो मां बनने का ये सफर थोड़ा कठीन हो सकता है। इस दौरान मां और बच्चे दोनों की सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। पहले ऐसा माना जाता था कि मां अगर HIV पॉजिटिव है तो बच्चा भी संक्रमित हो जाएगा, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

आज की मेडिकल साइंस में काफी बदलाव आ गया है। अगर समय पर सही इलाज शुरू हो जाए और डॉक्टर की सलाह मानी जाए, तो HIV पॉजिटिव मां भी एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है और उसे स्तनपान भी करवा सकती है।दरअसल, नोएडा के सीएचसी की सीनियर डॉक्टर और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा पाठक बताती हैं कि HIV पॉजिटिव महिलाओं को दो तरह की कैटेगरी में बांटा जाता है, लो रिस्क मदर और हाई रिस्क मदर।

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लो रिस्क मां कौन होती है?

यदि महिला डिलीवरी से कम से कम चार हफ्ते पहले से HIV की दवाइयां (ART) लेना शुरू कर देती है, उसके खून में वायरस बहुत कम या न के बराबर होता है और उसके स्तनों में कोई दिक्कत नहीं होती (जैसे सूजन, दरार या खून आना), तो उसे लो रिस्क मां कहा जाता है।

क्या रखनी होगी सावधानी

ऐसी मां को डॉक्टर सलाह देते हैं कि वह बच्चे को केवल अपना दूध ही पिलाए, यानी एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग। उसे फॉर्मूला दूध बिल्कुल नहीं देना चाहिए, क्योंकि दोनों मिलाने से बच्चे को इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इन बच्चों को एक खास सिरप दिया जाता है और छह हफ्ते बाद उनका HIV टेस्ट किया जाता है।

हाई रिस्क मां क्या करें?

वहीं जिन महिलाओं ने डिलीवरी के समय के आसपास ही दवा लेना शुरू किया हो, या उनके खून में अभी भी वायरस एक्टिव हो उन्हें हाई रिस्क मां कहा जाता है। अगर स्तनों में तकलीफ हो, तो भी वो हाई रिस्क में आती हैं। ऐसी महिलाओं को शुरुआत में फॉर्मूला मिल्क देने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर बच्चे को उससे एलर्जी या डायरिया हो रहा हो, तो डॉक्टर एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग की इजाजत दे सकते हैं। लेकिन एक बात हमेशा कही जाती है, मिक्स फीडिंग न करें, मतलब या तो सिर्फ मां का दूध या सिर्फ फॉर्मूला मिल्क।

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