Healthy and long life : आज के भागदौड़ भरे जीवन में, स्वस्थ रहना और लंबी उम्र जीना एक बड़ी चुनौती बन गया है। लेकिन चिंता न करें, क्योंकि कुछ सरल आदतों को अपनाकर आप इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
नशे की लत से छुटकारा पाना चुनौतीभरा है। लेकिन ये किया जा सकता है। इसके लिए इच्छाशक्ति के साथ कुछ नियम को भी फॉलो करना होगा।
स्वीकार करें कि आपको नशे की लत है और इससे राहत पाना चाहते हैं।
आकलन करें कि नशे से क्या नुकसान है। धीरे-धीरे छोड़ना है या एकदम से बंद करना है। ये स्पष्ट कर आगे बढ़ें।
आसपास के लोगों से सहयोग लें। ध्यान रहे ये लोग सपोर्टिव होने चाहिए।
नशा करना दो तीन दिनों के लिए छोड़ देते हैं लेकिन कई ऐसे ट्रिगर्स होते हैं कि आप फिर से नशा शुरू कर देते हैं। ऐसे ट्रिगर्स को पहचानें, साथ ही उनसे दूरी बनाकर रखें।
नशे से किक एक न्यूरल सर्किट की वजह से मिलती है। इससे बचाव के लिए हॉबीज को फॉलो करें।
लोगों का झुकाव नशे की तरफ तब होता है जब तनाव होता है। इसे मैनेज करने के लिए डीप ब्रीदिंग सीखें।
सफलता के हर दिन को सेलिब्रेट करें कि मैंने आज नशा नहीं किया।
डॉ. सुनील शर्मा
मनोचिकित्सक
हमारे शरीर में छह मूवमेंट पैटर्न होते हैं जिसमें शरीर को खींचना, धक्का देना या स्क्वाट शामिल हैं। इससे पैर मजबूत होते हैं। इसके साथ ही लंजेज कर सकते हैं। पांचवें मूवमेंट पैटर्न में हिंज कर सकते हैं। छठा मूवमेंट पैटर्न में कैरी करना है जैसे कि किसी सामान को एक जगह से दूसरे जगह ले जाते हैं।
बच्चों को लिए : बच्चों को ऐसे व्यायाम करने चाहिए, जिससे उनके पूरे शरीर में स्फूर्ति आए। पुशअप, पुलअप, स्क्वाट्स, लंजेज, गुड मॉर्निंग एक्साइज बॉडी वेट के साथ, किसी भी सामान को लेकर कैरी करना आदि।
वयस्कों के लिए : डंबल चेस्ट प्रेस करने से सीने और कंधे की मांसपेशियां विकसित होती हैं। सीटेड केबल रो बैक मसल्स और अपर बाइसेप्स पर एक साथ काम करती है। लेग प्रेस व्यायाम पैरों को ताकत देता है। रिवर्स लंज से मांसपेशियों को ऊर्जा मिलती है। डेडलिफ्ट और फामर्स कैरी पैरों का व्यायाम है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
बुजुर्गों के लिए : बुजुर्गों को लेग एक्सटेंशन से पैर की मसल्स को मजबूती मिलती है।
अजय सिंह
सेलिब्रिटी फिटनेस कोच
समदोष: समाग्निश्च समधातु मलक्रिया:।
प्रसन्नात्मेन्द्रियमना: स्वस्थ: इत्यभिधीयते ॥
मनुष्य शरीर के तीन आधार स्तम्भ हैं। आहार, स्वप्न और ब्रह्मचर्य। जैसा आप अन्न खाएंगे वैसा ही मन स्वस्थ व अस्वस्थ रहेगा। आहार तीन प्रकार का होता है। सात्विक, तामसिक और राजसिक। सात्विक आहार पाचन को बढ़ाता है। यह कल्याण का प्रतीक है। राजसिक भोजन तनाव-क्रोध को बढ़ाता है। तामसिक भोजन आलस्य और सुस्ती का संयोजक है।
विरूद्ध आहार - दही के साथ खीर, दूध, पनीर, खरबूजा के साथ मूली, घी के साथ ठंडा दूध, शहद और घी, समान मात्रा में एक तरह से विषाक्त हो जाता है। ककड़ी और खीरा, चावल के साथ दाल, छोले, राजमा न खाएं। मूली के साथ गुड़ हानि करता है।
आहार के कुछ नियम - आहार देश, काल व ऋतु के अनुकूल होना चाहिए। भोजन ताजा बना होना चाहिए। भोजन की मात्रा उचित होनी चाहिए। ठूंस-ठूंस कर भोजन करना पेट व शरीर का संतुलन बिगाड़ देता है। नियत समय पर भोजन करना चाहिए।
बंकटक लाल पारीक
आयर्वेदिक विशेषज्ञ
अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है। इसके लिए कुछ नियम अपनाएं -
डॉ. हेमंत चतुर्वेदी
हृदय रोग विशेषज्ञ