India COVID Update : ICMR प्रमुख डॉ. राजीव बहल ने बताया कि नए मामले गंभीर नहीं हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग में सामने आए वेरिएंट्स — LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 — ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स हैं और खतरनाक नहीं माने जा रहे हैं।
India COVID Update : भारत में कोरोना (कोविड) के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर जनरल, डॉ. राजीव बहल ने सोमवार को बताया कि अभी जो नए मामले आ रहे हैं, उनमें संक्रमण ज्यादा गंभीर नहीं है और चिंता की कोई बात नहीं है. (New COVID Sub-Variants Emerge in India)
नए कोरोना वेरिएंट्स के बारे में बात करते हुए डॉ. बहल ने कहा कि पश्चिमी और दक्षिणी भारत से लिए गए सैंपल्स की जांच (जीनोम सीक्वेंसिंग) में पता चला है कि ये नए वेरिएंट खतरनाक नहीं हैं और ये ओमिक्रॉन के ही सब-वेरिएंट्स हैं. इन वेरिएंट्स के नाम हैं: LF.7 सीरीज, XFG सीरीज, JN.1 सीरीज और NB.1.8.1 सीरीज. (India COVID Update)
ICMR के डायरेक्टर जनरल, डॉ. राजीव बहल ने बताया कि वे दूसरे इलाकों से भी सैंपल की जांच कर रहे हैं ताकि कोई नया वेरिएंट सामने आए तो पता चल सके.
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं— पहले दक्षिण भारत में, फिर पश्चिम में और अब उत्तरी भारत में. इन सभी मामलों पर Integrated Disease Surveillance Programme (IDSP) के ज़रिए नज़र रखी जा रही है.
डॉ. बहल ने खास तौर पर जोर दिया कि भले ही मामले ज्यादा गंभीर नहीं हैं और चिंता करने की कोई बात नहीं है, फिर भी सतर्क रहना हमेशा समझदारी है.
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भारतीय वायरोलॉजिस्ट और स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा इन वेरिएंट्स की पहचान की गई है। LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 जैसे वेरिएंट्स ओमिक्रॉन के ही उप-प्रकार हैं, जो पहले की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकते हैं लेकिन गंभीर बीमारी का खतरा कम पैदा करते हैं। इन वेरिएंट्स में कुछ आनुवंशिक परिवर्तन (Mutations) पाए गए हैं, जिनसे यह वायरस तेज़ी से फैलने की क्षमता रखता है, लेकिन अब तक की रिपोर्ट्स में अस्पताल में भर्ती या मृत्यु की दर बहुत कम रही है।
अब तक कोरोना से देश में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ताजा मामला यूपी के फिरोजाबाद का है, जहां 78 साल के बुज़ुर्ग ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। ये यूपी में नए वेरिएंट से पहली मौत मानी जा रही है।
राजस्थान और केरल में 2-2 लोगों की मौत हुई है। जयपुर में 26 मई को दो मरीजों की जान गई, जिनमें से एक की लाश रेलवे स्टेशन पर मिली। महाराष्ट्र के ठाणे में एक महिला और 21 साल के युवक की मौत हो चुकी है।
बेंगलुरु (कर्नाटक) में 84 साल के बुज़ुर्ग की 17 मई को मल्टी ऑर्गन फेल्योर से मौत हुई थी, बाद में 24 मई को उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कुल मिलाकर महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल, कर्नाटक और एमपी से 11 मौतें रिपोर्ट हुई हैं।
भारत में इन नए वेरिएंट्स के केस ज़रूर सामने आए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। इसकी दो मुख्य वजहें हैं:
कम गंभीरता: इन वेरिएंट्स से संक्रमित लोगों में सामान्यत: हल्के लक्षण ही पाए गए हैं, जैसे बुखार, गले में खराश, थकान, या खांसी। अब तक ICU में भर्ती या ऑक्सीजन की ज़रूरत वाले मामलों की संख्या बहुत कम है।
टीकाकरण और पूर्व संक्रमण से बनी इम्युनिटी: भारत की बड़ी आबादी पहले ही कोविड वैक्सीन ले चुकी है और कई लोग संक्रमण से भी गुज़र चुके हैं। इससे सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता (Herd Immunity) बनी हुई है, जो इन वेरिएंट्स से मुकाबले में मदद कर रही है।
हालांकि इन वेरिएंट्स से बहुत अधिक खतरा नहीं दिख रहा, फिर भी पूरी तरह से लापरवाह होना समझदारी नहीं होगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि हमें अभी भी कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए:
भीड़भाड़ वाली जगहों में मास्क का प्रयोग करें, खासकर बुज़ुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए।
हाथों की साफ-सफाई बनाए रखें और समय-समय पर सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
यदि किसी को सर्दी-जुकाम, बुखार या सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत जांच कराएं और दूसरों से दूरी बनाएं।
स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इन वेरिएंट्स पर बारीकी से निगरानी रखनी शुरू कर दी है। जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि कौन सा वेरिएंट कहां और कितनी मात्रा में फैल रहा है। साथ ही, राज्यों को अलर्ट किया गया है कि किसी भी आपात स्थिति के लिए स्वास्थ्य ढांचे को तैयार रखें।