Ayurveda on honey and ghee combination : हमारे घरों में शहद और घी रोजाना इस्तेमाल होने वाली रोजाना की चीजें हैं। लेकिन इन दोनों का साथ में इस्तेमाल सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। आयुर्वेद में इनका संयोजन जहर के समान बताया गया है।
Honey and ghee benefits and risks : शहद और घी दोनों ही प्राकृतिक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, लेकिन प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, इनका समान मात्रा में सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में भी इस विषय पर चर्चा की गई है।
शहद और घी का संतुलन सही मात्रा में बनाए रखना बेहद जरूरी है। अगर ये दोनों समान मात्रा में लिए जाएं, तो यह शरीर में 'आमा' (अवशिष्ट तत्व) उत्पन्न कर सकता है, जिससे पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और टॉक्सिन्स शरीर में जमा होने लगते हैं। इससे सुस्ती, मोटापा, और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
यदि शहद और घी को सही मात्रा और उचित संयोजन में लिया जाए, तो यह शरीर के लिए अमृत समान हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, इन दोनों का सेवन किसी अन्य पोषक तत्व के साथ करने से इसके हानिकारक प्रभाव समाप्त हो सकते हैं।
शहद को गुनगुने पानी, नींबू, अदरक, या दालचीनी के साथ लेने से यह पाचन सुधारता है और शरीर को डिटॉक्स करता है।
अत्यधिक गर्म चीजों जैसे उबलते दूध, चाय, या गरम भोजन में शहद मिलाने से यह विषाक्त हो सकता है।
हल्दी, तुलसी, कपूर, और दालचीनी के साथ घी का सेवन करने से इसके औषधीय गुण बढ़ जाते हैं।
तुलसी के साथ घी लेने से मानसिक तनाव कम होता है और पाचन क्रिया सुधरती है।
हल्दी के साथ घी का सेवन हृदय स्वास्थ्य और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
शहद और घी दोनों ही स्वास्थ्यवर्धक हैं, लेकिन इनका सेवन संतुलित मात्रा में और सही विधि से करना आवश्यक है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इनके संयोजन के विषय में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, जिनका पालन करके हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। अतः सावधानीपूर्वक इनका उपयोग करने से ये विष नहीं, बल्कि शरीर के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।