घी, जो लगभग हर भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है, परांठों और मिठाइयों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इसके कई फायदे हैं, लेकिन रोज़मर्रा के भोजन में घी का उपयोग सेहत के लिए सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता।
Is Ghee Making Your Meals Unhealthy : घी भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उपयोग परांठों और मिठाइयों में बड़े पैमाने पर किया जाता है। हालाँकि, रोज़मर्रा के भोजन में घी (Ghee) का अत्यधिक उपयोग सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। आइए जानें क्यों रोज़मर्रा के खाने के लिए तेल एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
घी (Ghee) बनाने की प्रक्रिया में अनसाल्टेड मक्खन को धीमी आंच पर उबाला जाता है। मक्खन से पानी और ठोस कण अलग हो जाते हैं और ऊपर से जो सुनहरा तरल बचता है, वही घी कहलाता है। हालांकि घी (Ghee) का स्वाद बेहद लाजवाब होता है, परंतु इसमें लगभग 62% संतृप्त वसा (saturated fat) होती है।
संतृप्त वसा से भरपूर आहार लेने से एलडीएल (LDL) कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि घी (Ghee) में असंतृप्त वसा की कमी होती है, जो हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। इसके विपरीत, तेलों में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा होती है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
तेल, जैसे जैतून का तेल, सूरजमुखी का तेल और सरसों का तेल, असंतृप्त वसा से भरपूर होते हैं। ये वसा न केवल एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं, बल्कि इनमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड भी होते हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी हैं।
तेल के पोषक तत्व
तेल हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह आवश्यक फैटी एसिड का स्रोत होता है और विटामिन A, D, E और K जैसे वसा में घुलनशील विटामिनों के अवशोषण में मदद करता है। ये विटामिन न केवल त्वचा की सेहत और कोशिकाओं की संरचना को बनाए रखते हैं, बल्कि मस्तिष्क की क्रियाओं के लिए भी जरूरी होते हैं।
घी का धूम्र बिंदु (smoke point) लगभग 250 डिग्री सेल्सियस होता है, जो मक्खन से अधिक है। लेकिन कैनोला और एवोकाडो जैसे तेलों का धूम्र बिंदु इससे भी अधिक होता है, जो उन्हें उच्च तापमान पर पकाने के लिए सुरक्षित बनाता है। जब वसा या तेल अपने धूम्र बिंदु पर पहुँचते हैं, तो ये हानिकारक यौगिक और मुक्त कण छोड़ने लगते हैं, जो शरीर में सूजन और क्षति का कारण बन सकते हैं।
जैतून का तेल एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन E और पॉलीफिनोल्स से भरपूर होता है, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और सूजन को नियंत्रित रखते हैं। घी में यह गुण सीमित होते हैं, इसलिए रोजाना के भोजन के लिए तेलों का इस्तेमाल अधिक फायदेमंद हो सकता है।
घी का स्वाद और महक तो अद्वितीय है, लेकिन इसे सीमित मात्रा में उपयोग करना ही बेहतर है। परांठों या मिठाइयों में घी का उपयोग ठीक हो सकता है, परंतु रोज़ाना के भोजन के लिए दिल को स्वस्थ रखने वाले तेलों का चयन करना बेहतर होगा।