विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी की गई ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, 24 जून से 21 जुलाई के बीच, भारत में कोविड-19 (COVID-19) के 908 नए मामले सामने आए हैं, जबकि दो मरीजों की मौत दर्ज की गई है। यह जानकारी आईएएनएस ने दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी की गई ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, 24 जून से 21 जुलाई के बीच, भारत में कोविड-19 (COVID-19) के 908 नए मामले सामने आए हैं, जबकि दो मरीजों की मौत दर्ज की गई है। यह जानकारी आईएएनएस ने दी है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में बताया गया है कि (COVID-19) महामारी की शुरुआत से लेकर 21 जुलाई तक दुनिया भर में 77.5 करोड़ से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है और 70 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। कोविड (COVID-19) के कारण सबसे अधिक अस्पताल में भर्ती और आईसीयू में भर्ती होने की सूचनाएं अमेरिका और यूरोपीय देशों से आई हैं।
प्रमुख आंकड़े:
रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 जेएन.1 वेरिएंट के मामले 135 देशों में पाए गए हैं। इसके साथ ही सार्स कोव-2 के वेरिएंट केपी.3.1.1 और एलबी.1, जो जेएन.1 के वंशज हैं, के मामले वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड डैशबोर्ड के अनुसार, भारत के कई राज्यों में कोविड (COVID-19) के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, महाराष्ट्र, मेघालय, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में पांच प्रतिशत से ज्यादा की पॉजिटिविटी रेट दर्ज की गई है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अनुसार, अत्यधिक संक्रामक केपी.1 और केपी.2 स्ट्रेन, जो जेएन.1 ओमिक्रॉन वेरिएंट से विकसित हुए हैं, भारत में कोविड मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने जानकारी दी है कि 5 अगस्त तक कोविड (COVID-19) के केपी म्यूटेंट स्ट्रेन के 824 मामले दर्ज किए गए थे। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 417 मामले थे, उसके बाद पश्चिम बंगाल में 157 और उत्तराखंड में 64 मामले थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस महीने की शुरुआत में संसद को सूचित किया कि अभी तक अस्पताल में भर्ती होने या बीमारी की गंभीरता में कोई वृद्धि नहीं हुई है। यह सूचना सकारात्मक संकेत है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की आवश्यकता है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट से पता चलता है कि कोविड-19 (COVID-19) का खतरा अभी भी पूरी तरह से टला नहीं है। भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में मामले बढ़ रहे हैं, और नए वेरिएंट की उपस्थिति चिंता का विषय बनी हुई है। सावधानी बरतने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है ताकि महामारी को नियंत्रित रखा जा सके।