स्वास्थ्य

Malaria Cases : दिल्ली में मलेरिया के 5 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा, इन राज्यों में भी बढ़ रहे मामले, बचाव का तरीका जानिए

Malaria Cases Increase: हाल ही में दिल्ली की एक रिपोर्ट सामने आई है। जानिए, दिल्ली में मलेरिया के मामलों ने पिछले पांच वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। 2025 में अब तक 264 मलेरिया के मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ोतरी दर्शाता है।

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Sep 09, 2025
Which states of India are most affected by malaria| फोटो सोर्स – Freepik

Malaria Cases Increase: मलेरिया के मामलों में काफी उछाल हो रहा है, साल दर साल मलेरिया के केस के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। हाल ही में दिल्ली की एक रिपोर्ट सामने आई है। जानिए, दिल्ली में मलेरिया के मामलों ने पिछले पांच वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। 2025 में अब तक 264 मलेरिया के मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ोतरी दर्शाता है। मलेरिया मामलों में इस वृद्धि से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ रही है। आइए जानते हैं दिल्ली में पिछले 5 वर्षों का डाटा? और समझें कि इस साल मलेरिया की स्थिति क्या है।

दिल्ली में 2025 में अब तक 264 मामले दर्ज

दिल्ली में इस साल मलेरिया के मामलों में तेजी देखी जा रही है। नगर निगम (MCD) के आंकड़ों के मुताबिक, 6 सितंबर 2025 तक राजधानी में 264 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

वर्षदिल्ली में मलेरिया के मामले
2025264
2024237
2023138
2022234
2021137

किन राज्यों में मलेरिया का असर ज्यादा?

राष्ट्रीय स्तर पर 2023 के आंकड़े बताते हैं कि कुछ राज्यों में मलेरिया की समस्या सबसे गंभीर है।

छत्तीसगढ़ – घने जंगल और आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी की वजह से यहां सबसे अधिक मामले दर्ज होते हैं।

ओडिशा – आदिवासी बहुल क्षेत्रों में मलेरिया का प्रकोप बना हुआ है।

झारखंड – दूर-दराज गांवों में जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण यहां भी मामले ज्यादा हैं।

मध्य प्रदेश – खासकर आदिवासी जिलों में बीमारी का असर अधिक है।

गुजरात – कुछ हिस्सों में मलेरिया के केस सामने आते हैं, हालांकि नियंत्रण के प्रयास जारी हैं।

2025 के जनवरी से मई तक के मलेरिया केस का डेटा

महीनाभारत में मलेरिया केस की संख्या
जनवरी13,593,496
फरवरी13,877,171
मार्च14,001,561
अप्रैल14,147,044
मई14,908,577

मामले क्यों बढ़ रहे हैं?

वरिष्ठ MCD अधिकारियों का कहना है कि इस बार मामलों की संख्या बढ़ने की बड़ी वजह बढ़ी हुई निगरानी और जांच है। पहले सिर्फ ब्लड स्लाइड टेस्ट किया जाता था और कई अस्पतालों व लैब्स में इसकी सुविधा भी नहीं थी। अब आधुनिक जांच पद्धतियों की वजह से ज्यादा मरीजों की पहचान हो पा रही है।

विशेषज्ञों की सलाह

पब्लिक हेल्थ स्ट्रैटेजिस्ट और मलेरियोलॉजिस्ट डॉ. रूपा कुमारी ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि बुखार, ठंड लगना और पसीना आना जैसे लक्षण दिखते ही लोगों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर तुरंत जांच करानी चाहिए। वह बताती हैं कि पूरा दवा-कोर्स करना बेहद जरूरी है, जिससे बीमारी पूरी तरह ठीक हो और दोबारा न लौटे।

मच्छरों से बचाव के तरीके

  • मच्छर मुख्य रूप से गंदगी और रुके हुए पानी में पनपते हैं। इसलिए अपने आसपास सफाई बनाए रखना मच्छरों को रोकने का सबसे असरदार तरीका है।
  • गमलों, कूलर और पौधों की ट्रे में जमा पानी को नियमित रूप से बदलें।
  • कूड़ा-कचरा इकट्ठा न होने दें और समय पर फेंकें।
  • पानी की टंकी और बाल्टी को हमेशा ढककर रखें।
  • घर के आसपास नालियों या गड्ढों में पानी जमा न होने दें।
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