स्वास्थ्य

मलेरिया का प्रकोप! 28000000 से ज्यादा केस, WHO ने चेताया, खतरा पहले से ज्यादा

WHO World Malaria Report 2025: मलेरिया फिर तेजी से फैल रहा है। WHO के अनुसार दवा-प्रतिरोध, जलवायु परिवर्तन और फंड की कमी ने हालात बिगाड़े। पूरी रिपोर्ट पढ़ें।

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Dec 06, 2025
WHO World Malaria Report 2025 (photo- freepik)

WHO World Malaria Report 2025: दुनिया भर में मलेरिया एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की नई रिपोर्ट बताती है कि साल 2024 में मलेरिया ने एक तरह से कमबैक कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दवाइयों पर बढ़ती रिसिस्टेंस, कमजोर हेल्थ सिस्टम और फंड की कमी ने हालात को और बिगाड़ दिया है। WHO की World Malaria Report 2025 चेतावनी देती है कि अगर अब भी देशों ने मिलकर तुरंत कदम नहीं उठाए, तो पिछले 20 साल में हुई सारी मेहनत बेकार हो सकती है।

रिपोर्ट कहती है कि 2024 में करीब 282 मिलियन लोग मलेरिया से संक्रमित हुए, यानी पिछले साल से 9 मिलियन ज्यादा। इनमें से लगभग 6.1 लाख लोगों की मौत हुई, जिनमें सबसे ज्यादा छोटे बच्चे थे। WHO यह भी कहता है कि जलवायु परिवर्तन (climate change), युद्ध और सामाजिक तनाव के कारण मलेरिया को कंट्रोल करना और भी मुश्किल हो गया है।

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2024 में मलेरिया के 282 मिलियन केस

अफ्रीका और दक्षिण एशिया सबसे ज्यादा प्रभावित, रिपोर्ट के मुताबिक 94% मलेरिया केस सिर्फ अफ्रीका में पाए गए। 95% मौतें भी वहीं हुईं। 5 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित दिखे। भारत भी WHO साउथ-ईस्ट एशिया रीजन में अभी भी मलेरिया का सबसे बड़ा बोझ झेल रहा है। 2024 में भारत में 73.3% मलेरिया केस और 88.7% मौतें हुईं। हालांकि भारत में प्रगति हुई है, लेकिन मौसम में बदलाव और जनसंख्या घनत्व से मच्छरों का बढ़ना अब भी चुनौती है।

WHO कहता है कि मलेरिया वैक्सीन, डबल इन्सेक्टिसाइड बेडनेट, और प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट की वजह से 2024 में लगभग 170 मिलियन केस और 10 लाख मौतें टल गईं। 24 देशों ने मलेरिया वैक्सीन को अपने नियमित टीकाकरण प्रोग्राम में शामिल कर दिया है। 46 देशों के बाद अब Egypt और Timor-Leste को भी 2025 में malaria-free घोषित किया गया है। लेकिन इसके बावजूद WHO कहता है कि प्रगति बहुत धीमी है, और 2030 के लक्ष्य दूर होते जा रहे हैं।

मलेरिया बढ़ क्यों रहा है?

रिपोर्ट कई वजहें बताती है, मलेरिया की मुख्य दवा Artemisinin अब कई देशों में कम असरदार हो रही है। 8 देशों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। अब मच्छर कई स्प्रे और बेडनेट पर असर नहीं दिखा रहे। 2024 में सिर्फ $3.9 बिलियन मिले, जबकि 2025 तक जरूरत $9.3 बिलियन की है। अमीर देशों की मदद भी 21% घट गई है। मच्छरों के फैलने की जगह बढ़ रही है। कुछ देशों में युद्ध और संकट के कारण हेल्थ सर्विस भी टूट रही है। पहले सिर्फ एशिया में मिलता था, अब 9 अफ्रीकी देशों में फैल चुका है। यह शहरों में भी मलेरिया फैला सकता है।

WHO की चेतावनी और अपील

WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ने कहा “अगर दवाइयों की रिसिस्टेंस और फंडिंग की कमी ऐसे ही बढ़ती रही, तो हमने दो दशकों में जो प्रगति की है, वह खत्म हो सकती है।” WHO ने देशों से तुरंत कार्रवाई करने को कहा है। नई वैक्सीन और दवाओं पर निवेश, मच्छरों को कंट्रोल करने के बेहतर तरीके, मजबूत सर्विलांस सिस्टम, फंड बढ़ाना विशेषज्ञों का कहना है कि मलेरिया पर काबू सिर्फ दवाओं से नहीं होगा। इसके लिए सरकारों, वैज्ञानिक संस्थाओं, डॉक्टर्स, NGOs और आम लोगों का मिलकर काम करना जरूरी है।

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Updated on:
06 Dec 2025 04:39 pm
Published on:
06 Dec 2025 04:38 pm
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