Malaria Parasite Attacks: मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होती है। यह परजीवी मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से शरीर में प्रवेश करता है और सबसे पहले लीवर पर हमला करता है। जानें शुरुआती लक्षण और बचाव के उपाय।
Malaria Parasite Attacks: मलेरिया भारत समेत दुनियाभर में एक गंभीर संक्रामक रोग है जो Plasmodium नामक परजीवी के कारण होता है। यह परजीवी संक्रमित (एनोफिलीज) Anopheles मादा मच्छर के काटने से मानव शरीर में प्रवेश करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मलेरिया का परजीवी शरीर में सबसे पहले किस अंग पर हमला करता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, मलेरिया परजीवी सबसे पहले लीवर (यकृत) को प्रभावित करता है। जब संक्रमित मच्छर इंसान को काटता है तो प्लास्मोडियम परजीवी रक्तप्रवाह के जरिए लीवर तक पहुंचता है। लीवर में यह परजीवी कुछ दिनों तक चुपचाप बढ़ता है और फिर रक्त में पहुंचकर लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) को संक्रमित करना शुरू करता है। यही वह चरण होता है जब रोगी में मलेरिया के लक्षण प्रकट होने लगते हैं।
मलेरिया के लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 7 से 15 दिन बाद दिखाई देते हैं। इसके लक्षण अन्य वायरल बीमारियों जैसे फ्लू से मिलते-जुलते हो सकते हैं इसलिए इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन समय रहते पहचान और इलाज न मिलने पर मलेरिया जानलेवा भी हो सकता है। प्रमुख शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, जब परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने लगता है तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिससे कमजोरी और चक्कर जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
मलेरिया से बचने के लिए मच्छरों से सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। मच्छरदानी का प्रयोग, घर में साफ-सफाई, रुके हुए पानी को हटाना और शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना जैसे उपाय अपनाए जा सकते हैं। इसके अलावा मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में जाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना भी जरूरी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शुरुआती लक्षणों की पहचान कर समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए तो मलेरिया को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।