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Meat Cause Cancer : मांसहारी खाने से चुपचाप बढ़ता है कैंसर का रिस्क, जानिए किस तरह के मीट को खाने से बचना चाहिए

Meat Cause Cancer : कई शोध बताते हैं कि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का ज्यादा सेवन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। जानें डॉक्टरों की राय, किन मीट से बचना चाहिए और कितना मांस खाना है सुरक्षित।

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Oct 23, 2025
Meat Cause Cancer (photo- gemini ai)

Meat Cause Cancer : कई वैज्ञानिक शोधों में यह बात सामने आई है कि मांसाहार, खासकर रेड मीट (Red Meat) और प्रोसेस्ड मीट (Processed Meat) का ज्यादा सेवन, कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। अमेरिका के क्लीवलैंड क्लिनिक के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. आलोक खोराना का भी कहना है कि कोलोन कैंसर (Colon Cancer) के अधिकांश मरीजों में रेड मीट का सेवन आम है। इसलिए अगर आप मीट लवर हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कौन-सा मीट आपके लिए खतरनाक हो सकता है।

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रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट क्या होता है?

रेड मीट वह मांस है जो जानवरों जैसे बकरे, भेड़ या गाय से प्राप्त होता है। चिकन या मछली जैसे सफेद मीट इसमें शामिल नहीं हैं। जब मीट को लंबे समय तक सुरक्षित रखने या स्वाद बढ़ाने के लिए उसे बेकन, सॉसेज, हॉट डॉग या नगेट्स जैसे रूप में तैयार किया जाता है, तो उसे प्रोसेस्ड मीट कहा जाता है। यानी चिकन से बने नगेट्स भी प्रोसेस्ड फूड की श्रेणी में आते हैं। भारत में प्रोसेस्ड मीट का चलन भले ही बहुत कम हो, लेकिन विदेशों में इसका उपयोग काफी ज्यादा होता है।

कैंसर रिसर्च क्या कहती है?

साल 2015 में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने 800 से ज्यादा अध्ययनों का विश्लेषण किया। इनमें पाया गया कि रेड और प्रोसेस्ड मीट दोनों से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। एजेंसी ने मीट को दो ग्रुप में बांटा ग्रुप 2A, इसमें रेड मीट को रखा गया। यह ग्रुप संभावित रूप से कैंसरकारी (Probably Carcinogenic) माना गया है। यानी रेड मीट का अधिक सेवन करने से कैंसर हो सकता है, हालांकि यह पूरी तरह प्रमाणित नहीं है। ग्रुप 1, इसमें प्रोसेस्ड मीट शामिल किया गया। यह ग्रुप “पक्के तौर पर कैंसरकारी (Carcinogenic to Humans) माना जाता है, यानी प्रोसेस्ड मीट खाने से कैंसर का खतरा निश्चित रूप से बढ़ता है।

किस तरह का मीट सबसे खतरनाक?

शोध के अनुसार, प्रोसेस्ड मीट में कैंसर पैदा करने वाले रासायनिक तत्व (Carcinogens) पाए जाते हैं, जो शरीर में जाकर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। जब मीट को स्मोक या ग्रिल किया जाता है, तो उसमें भी हानिकारक रसायन बन जाते हैं। डॉ. खोराना बताते हैं कि प्रोसेस्ड मीट से कैंसर का खतरा उतना ही गंभीर है जितना तंबाकू, शराब या सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से होता है।

कितना मीट खाना सुरक्षित है?

एक संतुलित मात्रा में मीट खाना शरीर को प्रोटीन देता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में रेड या प्रोसेस्ड मीट का सेवन कोलोन, पेट और अग्नाशय (Pancreas) के कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रेड मीट को हफ्ते में दो बार से ज्यादा न खाएं और प्रोसेस्ड मीट से पूरी तरह बचें।

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Published on:
23 Oct 2025 02:50 pm
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