Memory Improvement Tips: क्या बिना कुछ किए याददाश्त बढ़ाई जा सकती है? नई रिसर्च के मुताबिक, सिर्फ 2 मिनट आंखें बंद कर आराम करने से दिमाग नई चीजों को बेहतर याद रखता है। जानिए कैसे ‘रिलैक्स मोड’ नींद जैसा असर दिखाता है।
Memory Improvement Tips: क्या आप जानते हैं कि बिना कुछ किए भी आपकी याददाश्त (Memory) तेज हो सकती है? सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन हाल ही में हुए एक वैज्ञानिक शोध ने ये बात साबित की है। Nature Reviews Psychology में छपी एक स्टडी के मुताबिक, अगर आप सिर्फ दो मिनट तक आंखें बंद करके आराम करते हैं, तो आपकी याददाश्त बेहतर हो सकती है। लगभग उतनी ही जितनी एक रात की नींद से होती है।
हम अक्सर दिन में कई बार बिना किसी वजह के सोच में खो जाते हैं या यूं ही बैठे रहते हैं। इसे विज्ञान की भाषा में ‘ऑफलाइन स्टेट’ (Offline State) कहा जाता है। पहले लोग इसे समय की बर्बादी मानते थे, लेकिन अब वैज्ञानिकों का कहना है कि यही वो पल हैं जब दिमाग खुद को रिचार्ज करता है और नई सीखी गई चीजों को मजबूत करता है।
अमेरिका की फ़रमन यूनिवर्सिटी की न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. एरिन वाम्सले (Erin Wamsley) के मुताबिक, आंखें बंद करके कुछ मिनट शांत बैठना दिमाग के लिए वैसा ही है जैसे कंप्यूटर में सेव बटन दबाना। जब आप कुछ नया सीखते हैं, तो वो जानकारी दिमाग के एक हिस्से हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) में सेव होती है। जब आप आराम करते हैं या सोते हैं, तो दिमाग उस जानकारी को लॉन्ग-टर्म मेमोरी (Cortex) में ट्रांसफर कर देता है। यानी जब आप थोड़ा रिलैक्स करते हैं, तब भी आपका दिमाग अंदर ही अंदर काम करता रहता है, जैसे कोई फाइल सेव हो रही हो।
डॉ. वाम्सले की टीम ने लोगों पर प्रयोग किया। कुछ लोगों को एक कहानी सुनाई गई और फिर कुछ को आराम करने को कहा गया, जबकि बाकी को गेम खेलने को। नतीजा चौंकाने वाला था, जो लोग कहानी के बाद शांत बैठे रहे, उन्होंने बाद में कहानी के ज़्यादा हिस्से याद रखे। यह फर्क सिर्फ कुछ घंटों तक नहीं रहा, बल्कि एक हफ्ते बाद तक जिन लोगों ने आराम किया था, उन्हें चीज़ें बेहतर याद थीं। यही असर तब भी देखा गया जब लोगों ने कुछ सीखने के बाद 10 से 15 मिनट आंखें बंद रखीं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि नींद और आराम दोनों ही याददाश्त के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन थोड़ा फर्क है। नींद लंबे समय तक याद रखने में मदद करती है, जबकि कुछ मिनट का आराम शॉर्ट-टर्म मेमोरी को मजबूत करता है। डॉ. वाम्सले के अनुसार, कुछ मिनट का आराम ऐसा है जैसे आप किसी फाइल को “ड्राफ्ट” के रूप में सेव कर रहे हों, जबकि नींद उस फाइल को “फाइनल सेव” करती है।
शोध में यह भी पाया गया कि माइक्रो-रेस्ट्स (Micro-Rests) यानी कुछ सेकंड की छोटी-छोटी ब्रेक्स भी दिमाग के लिए अच्छी होती हैं। जब आप किसी काम के बीच में थोड़ी देर रुकते हैं या बस दीवार को देखते रहते हैं, तो दिमाग उस समय भी नई जानकारी को दोहरा कर सेव करता है।