New Heart Treatment: टेक्सास A&M यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऐसा माइक्रोनिडल पैच विकसित किया है जो दिल के दौरे के बाद IL-4 दवा सीधे दिल तक पहुंचाकर तेजी से हीलिंग में मदद करता है।
New Heart Treatment: दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल की मांसपेशियां काफी कमजोर हो जाती हैं। इसका असर धीरे-धीरे पूरी बॉडी पर पड़ता है और कई लोगों में आगे चलकर हार्ट फेलियर (new treatment heart failure) तक का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अब टेक्सास A&M यूनिवर्सिटी के रिसर्चर डॉक्टर के हुआंग ने एक ऐसा खास माइक्रोनिडल पैच बनाया है, जो दिल को खुद से ठीक होने में मदद कर सकता है। यह पैच सीधे दिल की चोट वाली जगह पर दवा पहुंचाकर उसे जल्दी रिकवर होने में सपोर्ट करता है। वो भी बिना शरीर के बाकी हिस्सों को नुकसान पहुंचाए।
इस पैच में कई बेहद पतली, नंगी आंख से मुश्किल से दिखने वाली माइक्रोनिडल्स यानी सूई जैसी छोटी-छोटी सुइयां लगी होती हैं। ये सुइयां दिल की बाहरी परत को हल्का सा छूकर अंदर दवा छोड़ देती हैं। हर सुई के अंदर IL-4 नाम का एक खास मॉलेक्यूल भरा होता है, जो शरीर की इम्यून कोशिकाओं को ठीक दिशा में काम करने के लिए तैयार करता है। जैसे ही पैच दिल पर लगाया जाता है, ये सुइयां धीरे-धीरे घुल जाती हैं और दवा सीधे वहीं पहुंचती है जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, यानी दिल की चोट वाली जगह।
हार्ट अटैक(heart attack) के बाद दिल के कुछ हिस्सों में खून पहुंचना बंद हो जाता है, जिससे मांसपेशियां मरने लगती हैं। फिर शरीर उस जगह डैमेज को कवर करने के लिए स्कार टिश्यू बनाता है। ये स्कार दिल को मजबूती तो देता है, लेकिन धड़कने में मदद नहीं करता। नतीजा दिल धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है।
IL-4 उस जगह मौजूद इम्यून कोशिकाओं यानी मैक्रोफेज को यह सिग्नल देता है कि वे लड़ाई (inflammation) वाली मोड से बाहर आएं और हीलिंग मोड में जाएं। इससे सूजन कम होती है, स्कार कम बनता है, दिल की कोशिकाएं बचती हैं, दिल तेजी से रिकवर करने लगता है। डॉक्टर हुआंग के मुताबिक मैक्रोफेज ही असली गेम चेंजर हैं। ये या तो नुकसान बढ़ा सकते हैं या फिर दिल को ठीक कर सकते हैं, और IL-4 उन्हें सही दिशा में ले जाता है।
पहले IL-4 को इंजेक्शन से शरीर में डाला जाता था। लेकिन इससे दवा पूरे शरीर में फैल जाती थी और कई अवांछित दिक्कतें शुरू हो जाती थीं। यह पैच उस समस्या को खत्म करता है। यह दवा सीधे दिल तक पहुंचाता है, ताकि असर वहीं हो, जहां जरूरत है।
रिसर्चर्स ने देखा कि IL-4 मिलने के बाद दिल की कोशिकाएं (cardiomyocytes) ज्यादा एक्टिव और रिस्पॉन्सिव हो गईं। ये आस-पास की कोशिकाओं से बेहतर तरीके से बात करने लगीं, जो लंबे समय में दिल को मजबूत बनाने में मदद करता है।
इस पैच को लगाने के लिए फिलहाल ओपन-चेस्ट सर्जरी की जरूरत पड़ती है। लेकिन टीम ऐसा वर्जन बनाने पर काम कर रही है जिसे एक छोटे ट्यूब या मिनिमली इनवेसिव तरीके से लगाया जा सके। डॉक्टर हुआंग का कहना है कि ये सिर्फ शुरुआत है। अब हम इसे और बेहतर और आसान बनाना चाहते हैं।