New Heat Based Cancer : कैंसर का नाम सुनते ही लोग अकसर घबरा जा जाते हैं। लोगों के मन में कैंसर का इस कदर डर बैठा हुआ है कि इस का नाम सुनते ही उनको लगता है मौत, इसलिए लोग कैंसर से इतने डरे हुए हैं। कैंसर के कई प्रकार होते हैं। यदि कैंसर को शुरूआती लक्षणों में पहचान लिया जाता है तो इससे बचा जा सकता है लेकिन बाद में इससे बच पाना मुश्किल होता है। हालांकि बाद में मरीजों को कीमोथेरेपी दी जाती है लेकिन उसके सफल होने के चांस बहुत कम होते हैं। इसलिए अब एक रिसर्च में सामने आया है कि कीमोथेरेपी की डोज को अब कम किया जा सकता है।
New Heat Based Cancer : कैंसर का नाम सुनते ही लोग अकसर घबरा जाते हैं। लोगों के मन में कैंसर का इस कदर डर बैठा हुआ है कि इस का नाम सुनते ही उनको लगता है मौत, इसलिए लोग कैंसर से इतने डरे हुए हैं। कैंसर के कई प्रकार होते हैं। यदि कैंसर को शुरूआती लक्षणों में पहचान लिया जाता है तो इससे बचा जा सकता है लेकिन बाद में इससे बच पाना मुश्किल होता है। हालांकि बाद में मरीजों को कीमोथेरेपी दी जाती है लेकिन उसके सफल होने के चांस बहुत कम होते हैं। इसलिए अब एक रिसर्च में सामने आया है कि कीमोथेरेपी की डोज को अब कम किया जा सकता है।
हाल ही में मोहाली के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान ने एक अनुसंधान द्वारा किए गअ शोध में पता चला कि नैनोपार्टिकल्स और हीट-बेस्ड कैंसर उपचार (New Heat Based cancer) से कीमोथेरेपी की डोज को कम करने और इसके दुष्प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है। रिसर्च टीम ने एमडी (मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल्स) को हीट शॉक प्रोटीन 90 इन्हिबिटर के साथ कम डोज में मिश्रित करके प्रभावी मैग्नेटिक हाइपरथेर्मिया-बेस्ड कैंसर उपचार विकसित किया। इस उपचार में, मैग्नेटिक हाइपरथेर्मिया और केमोथेरेपी को मिलाकर कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाने की कोशिश की गई।
एसीएस नैनो जर्नल में प्रकाशित स्टडी में पता चलता है कि टीम ने इसके प्रभाव को जानने के लिए चूहे के मॉडल का प्रयोग किया है। इस योजना (New Heat Based cancer) से ग्लायोमा कोशिकाएं अधिक मर गईं। 8 दिनों में इस इलाज से प्राथमिक ट्यूमर साइट पर 65 प्रतिशत और माध्यमिक ट्यूमर साइट पर 53 प्रतिशत तक ट्यूमर को रोकने में सफलता हासिल हुई। टीम ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया भर में कैंसर की दर बढ़ रही है, नये उपचार की आवश्यकता भी अब महत्वपूर्ण बन गई है।
टीम ने शोध को लेकर कहा है कि इस नई विधि के दुष्प्रभाव कम है। उन्होंने कहा कि इससे कीमोथेरेपी की मात्रा भी अब कम हो जाएगी जिससे उपचार को सुधार के साथ अधिक प्रभावी बनाया जा सकेंगा। कीमोथेरेपी और सर्जरी कैंसरे के प्राथमिक उपचार माने जाते हैं लेकिन इन उपचार में गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं।
टीम ने इस थेरेपी (New Heat Based cancer) को लेकर कहा कि एक व्यापक वैश्विक अनुसंधान की आवश्यकता है ताकि नई चिकित्सा के नैदानिक अनुप्रयोग को साकार किया जा सके, जिससे एक सहायक या वैकल्पिक कैंसर चिकित्सा विकसित हो सके।
इस नई थेरेपी (New Heat Based cancer) का लाभ यह है कि यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है, जिससे कैंसर के खिलाफ शरीर की इम्यूनिटी बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त, यह इस भयंकर बीमारी से लड़ने का एक नया रास्ता खोलती है।
शोध टीम ने गर्मी से होने वाले तनाव के समय एक्टिव होने वाले HSP90 जीन की भूमिका का अध्ययन किया, जिसमें 17-DMAG नामक दवा का उपयोग करके HSP90 को रोका गया, जिससे कोशिकाएं गर्मी से होने वाले नुकसान की मरम्मत नहीं कर पाईं, और इससे ट्यूमर कोशिकाएं डेड हो गई।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।