Paracetamol in Pregnancy: क्या प्रेग्नेंसी में पैरासिटामोल से बच्चे को ऑटिज्म या ADHD का खतरा बढ़ता है? नई रिसर्च और डॉक्टरों की रिपोर्ट में सामने आई असली सच्चाई। जानें, कब और कैसे सुरक्षित है इसका उपयोग।
Paracetamol in Pregnancy: यह सही है कि गर्भावस्था (Pregnancy) एक महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत लेकिन उतना ही चुनौतीपूर्ण समय होता है। इस दौरान अक्सर सिर दर्द, बुखार या शरीर में दर्द जैसी दिक्कतें होती हैं, और ऐसे में ज्यादातर महिलाएं पैरासिटामोल (Paracetamol) जैसी आम दवा का सहारा लेती हैं। लेकिन हाल ही में इस दवा को लेकर कई तरह की बातें सामने आई हैं। क्या वाकई यह गर्भावस्था में नुकसानदायक है? क्या इससे बच्चे को ऑटिज्म (Autism) या ADHD जैसी न्यूरो डेवलपमेंटल बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है? आइए, जानते हैं रिसर्च क्या कहती है।
हाल ही में The BMJ जर्नल में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में पिछले कई सालों की लगभग 40 अलग-अलग स्टडीज का विश्लेषण किया गया। इसमें यह पाया गया कि जब उन बच्चों की तुलना की गई जिनकी माताओं ने गर्भावस्था में पैरासिटामोल ली थी और जिनकी नहीं, तो कोई ठोस संबंध नहीं मिला। यानि, जब वैज्ञानिकों ने जेनेटिक और पारिवारिक कारणों को ध्यान में रखा, तो यह साबित नहीं हुआ कि पैरासिटामोल लेने से ऑटिज्म या ADHD का जोखिम बढ़ता है। इसी तरह 2024 में JAMA में प्रकाशित एक बड़े अध्ययन में 24 लाख बच्चों के डेटा का विश्लेषण किया गया। उसमें भी पाया गया कि गर्भ के दौरान पैरासिटामोल लेने से बच्चों में इन बीमारियों का कोई स्पष्ट असर नहीं देखा गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), American College of Obstetricians and Gynecologists (ACOG) और Therapeutic Goods Administration (TGA) जैसे प्रमुख संस्थानों का कहना है कि गर्भावस्था में जरूरत पड़ने पर पैरासिटामोल का सीमित और सावधानीपूर्वक उपयोग सुरक्षित है। इसे कम डोज में और कम समय के लिए लिया जाए तो किसी नुकसान का प्रमाण नहीं मिला है।
पैरासिटामोल एक सुरक्षित दर्द और बुखार कम करने वाली दवा है, जो बिना डॉक्टर की पर्ची के भी उपलब्ध होती है। यह शरीर में दर्द, सिर दर्द, बुखार, सर्दी-जुकाम, और माहवारी के दर्द में राहत देती है। इबुप्रोफेन या एस्पिरिन जैसी दवाओं के मुकाबले पैरासिटामोल पेट या किडनी पर असर नहीं डालती, इसलिए इसे गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है।
दवा हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें। जरूरत से ज्यादा खुराक (Overdose) लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है। अगर बुखार या दर्द बार-बार हो रहा है, तो खुद से दवा लेने की बजाय चिकित्सक से जांच करवाएं।