Cancer Vaccine: जानिए कैसे GRP आधारित कैंसर वैक्सीन, खासकर GRP170, शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करके कैंसर की रोकथाम और इलाज में नई उम्मीद जगाती है। रिसर्च और भविष्य की संभावनाएं।
Cancer Vaccine: आज के समय में कैंसर एक बड़ी चुनौती बन चुका है। दुनियाभर में वैज्ञानिक लगातार इसकी दवा और वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में हाल के वर्षों में GRP (Glucose-Regulated Proteins) आधारित वैक्सीन पर रिसर्च ने सबका ध्यान खींचा है। माना जा रहा है कि ये वैक्सीन कैंसर के इलाज और रोकथाम में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
GRP हमारे शरीर में मौजूद एक खास प्रकार के प्रोटीन होते हैं। ये कोशिकाओं को तनाव (stress) से बचाते हैं और प्रोटीन को सही आकार देने में मदद करते हैं। लेकिन इनकी सबसे खास बात यह है कि ये हमारे इम्यून सिस्टम को सक्रिय करते हैं। GRP शरीर की प्रतिरोधक कोशिकाओं को कैंसर की पहचान करने और उसे नष्ट करने की क्षमता देते हैं। खासकर GRP94/gp96 और GRP170 को वैज्ञानिक कैंसर वैक्सीन बनाने के लिए सबसे कारगर मानते हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि GRP170 बाकी सभी GRPs से ज्यादा असरदार है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह शरीर को पूरे कैंसर एंटीजेन की जानकारी देता है, जिससे हमारी इम्यून कोशिकाएं कैंसर की पहचान करके उस पर तेजी से हमला कर सकती हैं। यही वजह है कि GRP170 को भविष्य की कैंसर वैक्सीन के लिए सबसे बड़ा गेम चेंजर माना जा रहा है।
अब तक हुए प्री-क्लिनिकल ट्रायल्स में GRP आधारित वैक्सीन ने चूहों पर अच्छे नतीजे दिखाए हैं। इस वैक्सीन ने कैंसर की शुरुआत को रोका। ट्यूमर के फैलाव (Metastasis) को कम किया। और सबसे अहम बात लंबे समय तक इम्यूनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) बनी रही।
वैज्ञानिक मानते हैं कि GRP वैक्सीन को नैनोपार्टिकल्स और एडजुवेंट्स (जो इम्यून सिस्टम को और तेज करते हैं) के साथ मिलाकर और भी असरदार बनाया जा सकता है। इसके अलावा, हर मरीज के ट्यूमर से GRP कॉम्प्लेक्स निकालकर पर्सनलाइज्ड वैक्सीन भी तैयार की जा सकती है। इससे इलाज और सटीक हो जाएगा।
हालांकि GRP वैक्सीन काफी उम्मीद जगाती है, लेकिन अभी भी कुछ मुश्किलें सामने हैं। ट्यूमर का माइक्रो एन्वायरनमेंट कई बार इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। हर मरीज का शरीर अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। बड़े पैमाने पर शुद्ध GRP प्रोटीन तैयार करना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है।
फिलहाल GRP आधारित वैक्सीन शोध के शुरुआती चरण में है, लेकिन अब तक के नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं। खासकर GRP170 को कैंसर के खिलाफ सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। आने वाले समय में अगर रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स सफल रहे, तो यह तकनीक कैंसर के इलाज में नई उम्मीद बन सकती है।