Sexually Transmitted Diseases : आज के समय में एसटीडी रोग के मामलों में दिनों दिन बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
Sexually Transmitted Diseases : आज के समय में आपकी खराब लाइफस्टाइल आपको अनेक रोगों की और लेके जा रही है। यदि आप समय रहते सावधान नहीं होते हैं तो यह आपको कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित कर सकती है। आज के समय में संबंध बनाने वालों लोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ता जा रहा है। आज के समय में एसटीडी रोग के मामलों में दिनों दिन बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
एसटीडी (Sexually Transmitted Diseases) एक ऐसा रोग है जो संबंध बनाने से फैलता है। यह रोग महिला और पुरुष दोनों को संक्रमित कर सकता है। इस रोग से हम शारीरिक के साथ मानसिक तौर पर भी प्रभावित हो सकते हैं। इस बीमारी का होने का कारण मुख्य तौर पर हम ब्रेस्टफीडिंग और इंट्रावेनस होता है। यदि हम इस बीमारी का समय रहते इलाज नहीं कराते हैं तो यह गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।
हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी (एड्स का कारण), हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस (एचएसवी) और मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) इस बीमारी (Sexually Transmitted Diseases) के कारण हो सकते हैं। ट्रेपोनेमा पैलिडम नामक बैक्टीरिया के कारण क्लैमिडिया, गोनोरिया, सिफलिस और यौन रोग होने की संभावना बढ़ सकती है।
गोनोरिया, क्लैमाइडिया, सिफलिस, जननांग दाद, एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस), एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) आदि प्रकार शामिल है।
एसटीडी (Sexually Transmitted Diseases) के लक्षणों में वजाइना से असामान्य डिस्चार्ज, पेशाब में जलन, पेट दर्द, खुजली या जलन, संबंध के दौरान दर्द, वजाइना में छाले, बुखार, थकान आदि लक्षण शामिल है आपको यह लक्षण दिखे तो आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए।
इस रोग का उपचार संक्रमण के कारण पर निर्भर करता है। कुछ यौन संचारित रोगों का उपचार एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से किया जा सकता है, जबकि अन्य का उपचार एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है। कुछ यौन संचारित रोगों का पूर्ण उपचार संभव नहीं है, लेकिन इनका उपचार लक्षणों को नियंत्रित करने और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किया जा सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।