Sleep Tips: क्या आप भी पेट के बल सोते हैं? सावधान! यह आदत आपकी रीढ़, सांस लेने की क्षमता और दिमाग की ऑक्सीजन पर बुरा असर डाल सकती है। जानिए सही नींद की पोजिशन, कितनी देर और कब सोना सेहत के लिए बेहतर है।
Sleep Tips: अच्छी नींद शरीर और दिमाग दोनों के लिए जरूरी होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नींद में आपका सोने का तरीका भी आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है? कई लोग पेट के बल सोना आरामदायक समझते हैं, लेकिन यह पोजिशन धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है। खासकर रीढ़, सांस लेने की क्षमता और दिमाग में ऑक्सीजन पहुंचाने की प्रक्रिया को।
विशेषज्ञों के अनुसार, पेट के बल सोना (face down sleeping) सबसे हानिकारक पोजिशन मानी जाती है। इस मुद्रा में गर्दन मुड़ जाती है, रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है और फेफड़े पूरी तरह से फैल नहीं पाते। ऐसी स्थिति में दिमाग तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे लंबे समय में थकान, सिरदर्द और याददाश्त कमजोर होने जैसी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
जब हम सोते हैं, तब हमारा दिमाग सफाई मोड में चला जाता है। यानी नींद के दौरान दिमाग अपने अंदर जमा हुए टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। अगर सोने की मुद्रा गलत हो, या सांस लेने में दिक्कत हो, तो दिमाग तक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है। इससे न केवल नींद खराब होती है, बल्कि ब्रेन की रिकवरी और याददाश्त पर भी असर पड़ता है।
साइड पर सोना (Side-sleeping) सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। इससे सांस लेने में आसानी होती है, रीढ़ सीधी रहती है और दिमाग तक ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक रहता है। पीठ के बल सोना (Back-sleeping) भी अच्छा है, लेकिन अगर आपको खर्राटे या स्लीप एप्निया की समस्या है तो साइड पोजीशन ज्यादा सही रहेगी। साइड में सोते समय घुटनों के बीच एक छोटा तकिया रख सकते हैं, इससे कमर और कूल्हे पर तनाव नहीं पड़ता।
ज्यादातर वयस्कों के लिए 7 से 9 घंटे की नींद पर्याप्त मानी जाती है। रात में सोने का सबसे अच्छा समय रात 10 बजे से सुबह 6-7 बजे तक है, क्योंकि यही वक्त होता है जब शरीर और दिमाग खुद को रीसेट करते हैं। एक ही पोजीशन में पूरी रात न रहें, बीच-बीच में करवट बदलना बेहतर है।
सोने से 30-60 मिनट पहले फोन या टीवी बंद कर दें। कमरे को ठंडा और हवादार रखें। भारी खाना या कॉफी सोने से पहले न लें। रोज एक तय समय पर सोने और उठने की आदत डालें।