Sweet potatoes in diabetes: डायबिटीज में यदि आप भुनी हुई शकरकंद खा रहे हैं तो आधी शकरकंद या 50 ग्राम से अधिक शकरकंद नहीं खानी चाहिए। शकरकंद को 30 मिनट तक उबालेंने के बाद ही खाएं।
Sweet potatoes in diabetes: शकरकंद जिसका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसे सर्दियों में चाव से खूब खाया जाता है। लेकिन डायबिटीज के मरीज इसे खाने से हिचकते है। उनके मन में हमेशा से ही चिंता बनी रहती है कि कही इसे खाने से उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ नहीं जाएं। इसलिए वे शकरकंद (Sweet potatoes in diabetes) इतनी हेल्दी, स्वाद होने के बाद भी खाने से हिचकचाते है। आज हम इसी ही डर को लेकर बात करेंगे की यह वाकई में डायबिटीज मरीजों को नहीं खानी चाहिए या फिर इसे खाना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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आयुर्वेद में डायबिटीज (Sweet potatoes in diabetes) के मरीजों के लिए शकरकंद को खाना बताया गया है लेकिन एक सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है। शकरकंद खाने से बॉडी में इंसलिन लेवल बैलेंस रहता है। इससे हम ब्लड में ग्लकोज की मात्रा को भी कम रख सकते हैं ये उसमें भी फायदेमंद हो सकती है।
कुछ समय पहले नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलजी इंफॉर्मेशन (NCBI) द्वारा प्रकाशित एक शोध पत्र में यह बताया गया कि प्राकृतिक रूप से मीठे स्वाद वाली शकरकंद डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकती है। इस शोध के अनुसार, शकरकंद में कुछ फ्लेवोनॉइड्स होते हैं जो रक्त में शुगर के स्तर को बढ़ने से रोकते हैं। इसमें यह सुझाव दिया गया है कि शकरकंद का सेवन सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए ताकि इसके सभी लाभों का पूरा लाभ उठाया जा सके।
शकरकंद (Sweet potatoes in diabetes) का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) इसके पकाने के तरीके के अनुसार बदलता है। इसलिए, शकरकंद का सेवन करने से पहले इसे सही तरीके से पकाना आवश्यक है। इसके अलावा, शकरकंद खाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका ब्लड शुगर लेवल उच्च न हो।
डायबिटीज में यदि आप भुनी हुई शकरकंद खा रहे हैं तो आधी शकरकंद या 50 ग्राम से अधिक शकरकंद नहीं खानी चाहिए। शकरकंद को 30 मिनट तक उबालेंने के बाद ही खाएं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।