डायबिटीज (Diabetes) एक बढ़ती समस्या है। इसके कारण लोगों का खाना पीना बंद हो जाता है। सही से लोग खाने का स्वाद भी नहीं ले पाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कुछ विटामिन की कमी इसका कारण बनती है।
Diabetes Reason: डायबिटीज को सामान्य समस्या माना जाने लगा है। डायबिटीज होने का कारण रक्त शर्करा के स्तर के बढ़ने होता है।शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता, जिससे विभिन्न शारीरिक कार्यों में बाधा आ सकती है। डायबिटीज (Diabetes) और भी कई कारण हो सकते हैं जिसमें अस्वस्थ आहार, जीवनशैली में असंतुलन आदि शामिल हैं। इसके अलावा कुछ व्यक्तियों को आनुवंशिक कारणों से भी इस समस्या का सामना करना पड़ जाता है।
लेकिन क्या आपको पता है शरीर में कुछ विटामिनों की कमी भी डायबिटीज का कारण बन सकती है। यदि शरीर में कुछ विटामिनों की कमी लंबे समय तक बनी रहे, तो यह डायबिटीज की समस्या को जन्म दे सकती है।
विटामिन बी12 के कारण
शरीर में विटामिन का विशेष महत्व माना जाता है। इसी प्रकार विटामिन बी12 का भी एक विशेष महत्व होता है। यह एक आवश्यक पोषक तत्व है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, यदि शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो जाती है, तो इससे डायबिटीज (Diabetes) का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए, समय पर विटामिन बी12 की पूर्ति करना अत्यंत आवश्यक है।
ऐसे करें पूरा: विटामिन बी12 की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आप चिकन, मटर, सैल्मन मछली, टूना मछली, दूध, दही, पनीर, अंडे की जर्दी, मशरूम आदि का सेवन कर सकते हैं।
विटामिन डी के कारण
यदि आपके शरीर में लंबे समय तक विटामिन डी की कमी बनी रहती है तो इससे डायबिटीज (Diabetes) का जोखिम बढ़ सकता है। विटामिन डी की कमी के कारण इंसुलिन का स्राव कम हो जाता है और इसकी संवेदनशीलता भी घट जाती है। इसके परिणामस्वरूप, शरीर में धीरे-धीरे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है।
ऐसे करें पूरा: शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए, आपको कुछ समय धूप में बिताना चाहिए। इसके साथ ही, अपने भोजन में मछली, अंडे, दूध, दही और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना न भूलें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।