Benefits of Hep-B Vaccine: डॉक्टरों के अनुसार बच्चे को जन्म के तुरंत बाद Hepatitis-B वैक्सीन देना बेहद जरूरी है। जानें यह टीका देर से लगवाने पर क्या खतरे हो सकते हैं और समय पर लगवाने से कैसे बचता है लीवर कैंसर व इंफेक्शन का खतरा।
Benefits of Hep-B Vaccine: हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन अमेरिका में जन्म के बाद बच्चों को दी जाने वाली पहली और जरूरी वैक्सीन है। इस वैक्सीन की मदद से बच्चों में होने वाली कई गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है। लेकिन अब कुछ जगहों पर इस वैक्सीन को देर से देने की बात की जा रही है। जैसे कि 12 साल की उम्र तक। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इससे हेपेटाइटिस-बी के मामले बढ़ सकते हैं।
हेपेटाइटिस-बी एक वायरस है जो लिवर (यकृत) को नुकसान पहुंचाता है। लंबे समय तक रहने पर यह लीवर फेलियर या कैंसर तक का कारण बन सकता है। यह बीमारी संक्रमित खून या शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलती है। यह संक्रमण उतनी आसानी से भी फैल सकता है जितना कि किसी संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल किए हुए नाखून काटने वाले, टूथब्रश या रेजर से। वायरस सतहों पर 7 दिन तक जिंदा रह सकता है।
डॉक्टरों के अनुसार, अगर यह संक्रमण बचपन में होता है, तो 90% बच्चों में यह लंबे समय तक शरीर में बना रहता है।
लेकिन अगर यही बीमारी बड़े होने पर होती है, तो सिर्फ 5% मामलों में ही क्रॉनिक यानी स्थायी बनती है। इसलिए बच्चों को जन्म के तुरंत बाद यह वैक्सीन देना बेहद जरूरी है ताकि उनका शरीर वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी विकसित कर सके।
अमेरिका में 1981 में Hepatitis-B वैक्सीन को मंजूरी मिली थी। एक साल बाद यह तय किया गया कि इसे हर नवजात बच्चे को दिया जाएगा। बाद में गर्भवती महिलाओं और ज्यादा रिस्क वाले समूहों के लिए भी यह वैक्सीन जरूरी की गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चे को समय पर वैक्सीन नहीं दी, तो उसका जोखिम बहुत बढ़ जाता है। बाद में देने से फायदा कम हो जाता है। डॉक्टर यह भी बताते हैं कि यह वैक्सीन बहुत सुरक्षित है और इसके साइड इफेक्ट बहुत कम होते हैं।बच्चे के जन्म के बाद यह पहली डोज दी जाती है और फिर दो और डोज के साथ यह कोर्स पूरा होता है।
जन्म के तुरंत बाद बच्चे को Hep-B वैक्सीन देना बहुत जरूरी है। देरी करने से संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। यह वैक्सीन लीवर की गंभीर बीमारियों से बच्चों को बचाती है। हर बच्चे को यह वैक्सीन अस्पताल में जन्म के तुरंत बाद लगनी चाहिए।