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हेपेटाइटिस है खतरनाक, लेकिन ये जानकारी आपको दे सकती है जीवनदान

लिवर में सूजन यानी हेपेटाइटिस। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई वायरस संक्रमण की वजह से फैलता है। ए और ई वायरस अधिक खतरनाक नहीं हैं, लेकिन हेपेटाइटिस बी व सी वायरस जानलेवा साबित हो सकते हैं।

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जयपुर

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Jyoti Kumar

Jun 23, 2023

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लिवर में सूजन यानी हेपेटाइटिस। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई वायरस संक्रमण की वजह से फैलता है। ए और ई वायरस अधिक खतरनाक नहीं हैं, लेकिन हेपेटाइटिस बी व सी वायरस जानलेवा साबित हो सकते हैं। हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस रोग के प्रति जागरूकता बढ़ी है और हेपेटाइटिस बी के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में भी इसका वैक्सीन शामिल किया गया है। इस रोग को लेकर अब भी हमारे समाज में कई भ्रांतियां हैं, जिन्हें जागरूकता से ही दूर कर सकते हैं।

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जानिए मिथक व सच्चाई

मिथ : अगर हेपेटाइटिस से संक्रमित व्यक्ति थूकता है तो उससे भी संक्रमण फैल सकता है?
तथ्य : हेपेटाइटिस ए और ई दूषित पानी की वजह से फैलता है। उसके अलावा हेपेटाइटिस बी और सी इस रोग से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, ब्लड ट्रांसफ्यूजन या सीमन के जरिए फैलता है।

मिथ : हेपेटाइटिस आनुवांशिक बीमारी है?
तथ्य : हेपेटाइटिस आनुवंशिक बीमारी नहीं है। यह रक्त-शरीर के तरल पदार्थों और दूषित पानी से फैल सकता है।
मिथ : हेपेटाइटिस से संक्रमित होने पर स्तनपान कराना सुरक्षित नहीं है?
तथ्य : यदि महिला हेपेटाइटिस बी से संक्रमित है और वायरस लोड कम है तो स्तनपान के जरिए शिशु में इस रोग के संक्रमण की आशंका नहीं होती है। बेस्टफीडिंग को बढ़ावा देने के लिए एक अवधारणा यह भी है कि इस रोग के संक्रमण से बचाव के लिए शिशु को हेपेटाइटिस बी का वैक्सीन जन्म के बाद ही लगा दिया जाए।

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मिथ : इस रोग के मरीज को उबला भोजन ही करना चाहिए?
तथ्य : हेपेटाइटिस के मरीज को भी पोषण की बेहद आवश्यकता होती है। आम धारणा से उल्ट इन मरीजों को जो वे चाहते हैं, खिलाना चाहिए। ताकि उन्हें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिल सकें।
भोजन से समझौता न करें।
मिथ : सारे पीलिया एक जैसे होते हैं?
तथ्य : पीलिया लिवर की समस्याओं का संकेत है लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी पीलिया एक जैसे होते हैं। गॉल ब्लैडर में स्टोन की वजह से भी पीलिया होता है। इसलिए किसी को पीलिया की शिकायत हो तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें।

हेपेटाइटिस बी में दोबारा जांच अवश्य कराएं

हेपेटाइटिस बी से संक्रमित व्यक्तियों को ठीक होने से 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है, लेकिन ठीक होने के बाद भी इसका वायरस शरीर में निष्क्रिय पड़ा रहता है। छह माह के अंदर जब भी हेपेटाइटिस संक्रमित व्यक्ति के ब्लड की जांच की जाती है तो वह पॉजिटिव आता है। एक बार फिर से वायरस लोड की जांच अवश्य कराएं। अन्यथा लिवर सिरोसिस का कारण बन सकता है।

ऐसे करें हेपेटाइटिस ए व ई से बचाव

बच्चों को वॉशरूम से आने और भोजन से पहले हाथ जरूर धुलवाएं।
उल्टी या डायरिया हो तो स्कूल न भेजें। नाक बहे तो उन्हें टिशू पेपर डस्टबिन में डालने और हाथ धोने के लिए कहें। सब्जियों व फलों को धोकर ही खाएं।
गर्मियों में बाहर का खाना बिल्कुल न खाएं।
- डॉ. आलोक गुप्ता, सीनियर फिजिशियन, जोधपुर

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04 करोड़ के आसपास लोग हेपेटाइटिस बी से ग्रसित हैं देश में।
80लाख के करीब हेपेटाइटिस सी से प्रभावित हैं अपने देश में।
15लाख लोगों की मृत्यु हर वर्ष वायरल हेपेटाइटिस के कारण होती है।
25फीसदी हेपेटाइटिस बी के मामलों में लिवर कैंसर।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।