Urine Signs of liver damage: लिवर को शरीर का महत्वपूण अंग माना जाता है। जब यह खराब होने लगता है तो शरीर में कई हलचल होने लगती है, जिसमें पेशाब में कई बदलाव शामिल है।
Urine Signs of liver damage: लिवर को शरीर का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। लिवर शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसके साथ ही लिवर भोजन को पचाने वाले बाइल प्रोटीन का उत्पादन करता है, लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण और ऊर्जा को भी संग्रहित करता है। जब आपका लिवर सही से काम नहीं करता है इससे आपके शरी के अंग पर कई प्रभाव पड़ने लगते हैं। इसलिए आपको यदि शरीर को स्वस्थ रखना है तो लिवर को स्वस्थ रखना जरूरी है।
आज का खानपान का असर सबसे ज्यादा असर हमारे लिवर पर पड़ रहा है। इससे हमारा लिवर (Urine Signs of liver damage) को नुकसान पहुंच रहा है। जब आपका लिवर खराब होने लगता है तो उससे पहले शरीर को कुछ संकेत मिलने लगते हैं जिसमें पेशाब में भी कई प्रकार के लक्षण देखे जा सकते हैं। आइए जानते हैं कौनसे है वे लक्षण।
पेशाब का रंग बदलना
पेशाब (Urine Signs of liver damage) के रंग में परिवर्तन लिवर के नुकसान का संकेत हो सकता है। यदि आपके पेशाब का रंग गहरा पीला या भूरा दिखाई दे रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। वास्तव में, जब लिवर सही तरीके से कार्य नहीं करता है, तो शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे पेशाब का रंग बदल सकता है। यदि आपको इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके जांच कराएं।
पेशाब में झाग का आना
पेशाब में झाग (Urine Signs of liver damage) आना लिवर के नुकसान का संकेत हो सकता है। जब लिवर अपनी सामान्य कार्यप्रणाली में बाधा का सामना करता है, तो पेशाब में प्रोटीन का रिसाव होने लगता है, जिससे झाग उत्पन्न होता है। यदि आपको भी इस प्रकार के लक्षण अनुभव हो रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
पेशाब में बदबू
पेशाब में गंध (Urine Signs of liver damage) आना लिवर के नुकसान का संकेत हो सकता है। जब लिवर सही तरीके से कार्य नहीं करता, तो शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय होने लगता है, जिससे पेशाब में बदबू उत्पन्न हो सकती है। यदि आपके पेशाब से अचानक अजीब गंध आने लगे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर जांच करवाना आवश्यक है। इस प्रकार के लक्षणों को अनदेखा करने से भविष्य में स्थिति गंभीर हो सकती है।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।